भुखमरी में लिपटा शहर मदाया
तीन महीने तक भुखमरी से जूझने के बाद आखिरकार सीरियाई शहर मदाया को मानवीय मदद पहुंचनी शुरू हुई. सरकार समर्थित सेना से घिरे मदाया की बदहाली बयान करती तस्वीरें.
शहर में फंसे लोग
सीरिया में जारी गृहयुद्ध के चलते विद्रोहियों और आईएस कट्टरपंथियों ने मदाया पर कब्जा कर रखा है. शहर की सीमा को सरकार समर्थित सेना ने घेरा हुआ है. मदाया तक खाने पीने की सामग्री के नहीं पहुंच पाने के कारण लोग घास और पत्तियां तक खाने को मजबूर हो गए.
पानी और नमक
मदाया से आई तस्वीरों में लोगों की बदहाली साफ झलकती है. कई लोग कचरे में से खाने पीने की चीजें ढूंढने को मजबूर हो गए. माओं ने दूध की जगह बच्चों को पानी में नमक घोलकर पिलाया.
भीषण भुखमरी
5 जनवरी 2016 के एक वीडियो से ली गई इस बच्चे की तस्वीर इसकी भूख और प्यास को खुलकर बयान करती है. ठंड बढ़ जाने के कारण परेशानियां और बढ़ गई हैं.
बच्चों को कष्ट
बड़ों के युद्ध में अक्सर बच्चे, बूढ़े और महिलाएं शिकार बनने हैं. सितंबर से कोई बाहरी मदद ना पहुंच पाने के कारण मदाया में बुरा हाल रहा. यह तस्वीर फ्रांस में सीरियाई विद्रोहियों से उपलब्ध हुई. डीडब्ल्यू ने इनकी पुष्टि नहीं की है.
मानवीय त्रासदी
सीरिया में घास की रोटी खाने को मजबूर हुए लोगों की तस्वीरें देखकर दुनिया भर में रोष की लहर है. अंतरराष्ट्रीय समूह इसे मानवीय तबाही का दर्जा दे रहे हैं.
विरोध की लहर
यह तस्वीर सीरियाई शहर इदलिब की है जहां लोग मदाया मदद पहुंचाने की गुहार के साथ ही ग्रह युद्ध के संकट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
मदद कैसे पहुंचती
मदाया से निकल भागने की कोशिश में कई लोग गोलियों का शिकार हुए और मारे गए. सरकार समर्थित सेना ने जुलाई से शहर के चारों तरफ बाड़ लगा रखी है. सीमाएं बंद होने के कारण शहर में मदद का पहुंचना मुश्किल हो गया.
पहुंची मदद
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद से अनुमति मिलने के बाद वर्ल्ड फूड प्रोग्राम, रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट की तरफ से मदद पहुंचनी शुरू हुई.
अन्य शहरों को मदद
सिर्फ मदाया ही नहीं सीरिया के अन्य शहरों फुआ और कफराया में भी भोजन और दवाओं की सख्त जरूरत है. सालों से जारी ग्रह युद्ध ने सीरिया को तबाह करके रख दिया है.