भ्रष्टाचार को लेकर फीफा की मंशा पर सवाल
२ दिसम्बर २०११ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल (टीआई) के मुताबिक फीफा न तो भ्रष्टाचार के पुराने मामलों की दोबारा जांच को तैयार है और न ही सुधारों को मंजूरी दे रहा है. ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल भ्रष्टाचार पर अंकुश पाने के लिए फीफा को सुझाव दे रही थी.
टीआई का कहना है कि फीफा एक विशेषज्ञ मार्क पिएथ को पैसा दे रही है. पिएथ बता रहे हैं कि ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के सुझाव मानने से फीफा की आजादी पर असर पड़ेगा. विशेषज्ञ ने यह भी साफ कर दिया है कि ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के सुझाव के बावजूद पुराने मामलों की जांच नहीं खोलेंगे.
फीफा के इस कदम से ऐसा संदेश जा रहा है कि फुटबॉल संघ भ्रष्टाचार से निपटना ही नहीं चाह रहा है. चौथी बार अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ के अध्यक्ष चुने गए जेप ब्लाटर भी आरोपों में घिरे हैं. फीफा ने ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के नाता तोड़ने के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
टीआई के खेल मामलों के सलाहकार सिल्विया शेंक कहते हैं कि पिएथ फीफा के मामले में स्वतंत्र होकर काम नहीं कर सकते क्योंकि वह खुद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ से पैसा ले रहे हैं. शेंक ने कहा, "हम समझते हैं कि जिसे फीफा पैसा दे रहा है वह एक स्वतंत्र आयोग का सदस्य कैसे रह सकता है."
टीआई को फीफा ने ही आमंत्रित किया था. फीफा चाहता था कि टीआई पिएथ के साथ सुधारों पर काम करे. बीते एक साल में फीफा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं. ब्लाटर के चार सहयोगियों पर गाज गिर चुकी है.
रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल