मंदिर के हमलावरों पर ईशनिंदा का मुकदमा
१ अक्टूबर २०१२कराची पुलिस ने इन नौ लोगों के खिलाफ ईशनिंदा का केस दर्ज किया है. मुस्लिम देश में अल्पसंख्यकों की आस्था पर चोट के खिलाफ ईशनिंदा के तहत दर्ज यह पहला मामला है. पाकिस्तान जहां 97 फीसदी जनसंख्या मुसलमानों की है, वहां अल्पसंख्यों के धार्मिक स्थान पर हमला करने के मामले में ऐसा केस दर्ज होना असाधारण घटना है. ईशनिंदा के मामले में आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा हो सकती है.
कराची के स्थानीय पुलिस थाना प्रमुख जफर बलोच के हवाले से एएफपी समाचार एजेंसी ने लिखा है, "ईशनिंदा कानून के तहत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है क्योंकि उन्होंने 21 सितंबर को गडप शहर में हिंदू मंदिर पर हमला किया और वहां से सोने के जेवर लूट लिए."
पुलिस ने बताया कि कराची के गडप शहर में ढाई सौ हिंदू परिवार रहते हैं. इस शहर में ईसाई और सिख भी हैं.
पाकिस्तान के कठोर ईशनिंदा कानून के तहत पिछले महीने एक ईसाई लड़की को कुरान के पन्ने जलाने के आरोप में तीन सप्ताह जेल में रखा गया. पिछले सप्ताह इस्लामाबाद की पुलिस ने रिम्शा मसीह का मामला जुवेनाइल कोर्ट में भेजा क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट से पता चला कि वह 14 साल की है. रिम्शा के मामले में तब और नाटकीय मोड़ आया जब आरोप लगाने वाले मौलवी के जाली सबूत देने की बात पता चली. .
पिछले कई महीनों से पाकिस्तान से भारत आए हिंदूओं के बारे में और बलूचिस्तान में अपहरण किए जा रहे हिंदूओं और इन परिवारों की लड़कियों के जबरन धर्म बदलने के समाचार आते उठाते रहे हैं. बहुत से हिंदु तो तीर्थयात्रा के बहाने से भारत चले आए हैं और अब वापस जाने से इनकार कर रहे हैं. पाकिस्तान सरकार के सामने भारत ने कूटनीतिक रास्ते से हिंदुओं की सुरक्षा का मलसा उठाया था. मीडिया का दबाव बढ़ने पर पाकिस्तान सरकार ने पिछले दिनों अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने का भरोसा दिया था.
रिपोर्टः आभा मोंढे (एएफपी)
संपादनः एन रंजन