मंदिर बन सकता है तो मस्जिद क्यों नहीं: ओबामा
११ सितम्बर २०१०शुक्रवार को बराक ओबामा ने कहा, "ग्राउंड जीरो के पास मस्जिद बनाने को लेकर मेरी राय एकदम साफ है. अमेरिका अपने नागरिकों को कोई भी धर्म अपनाने की पूरी आजादी देने में विश्वास रखता है."
11 सितंबर को अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले की नौवीं बरसी मनाई जा रही है. इसी दौरान मस्जिद को लेकर विवाद और तीखा हो गया है क्योंकि पिछले दिनों एक पादरी ने इसके विरोध में कुरान जलाने का एलान कर दिया. हालांकि बाद में उन्होंने अपनी योजना रद्द कर दी. ओबामा ने कहा कि हमारा देश इस सिद्धांत पर खड़ा है कि सभी लोग बराबर हैं और उनके कुछ निश्चित अधिकार हैं जिनमें धर्म की आजादी भी एक है. उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह है कि अगर आप उस जगह पर एक चर्च बना सकते हैं, सिनेगॉग बना सकते हैं, हिंदू मंदिर बना सकते हैं तो मस्जिद भी बना सकते हैं."
ओबामा ने 11 सितंबर 2001 के हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं भी जाहिर कीं. उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि 11 सितंबर का मामला बेहद संवेदनशील है. मैं इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारवालों से मिला हूं. अपनों को खो देने के अहसास और लगातार बने रहने वाले जिस दर्द में वे लोग जीते हैं उसकी मैं तो बस कल्पना ही कर सकता हूं. और कल हम उन सबके साथ मिलकर दुआ करेंगे."
मीडिया ने मस्जिद के मुद्दे पर कुछ ओपीनियन पोल कराए हैं. वॉशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अखबारों के सर्वे में ज्यादातर लोगों ने ग्राउंड जीरो के पास मस्जिद बनाए जाने का विरोध किया है. हालांक इन सर्वे में यह बात साफ हुई कि ज्यादातर लोगों का विरोध मस्जिद को लेकर नहीं बल्कि उसकी जगह को लेकर ही है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़