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मछुआरों की हत्या: इटली के नौसैनिकों को जमानत

३० मई २०१२

केरल की एक अदालत ने इटली के दो नौसैनिकों को जमानत दे दी है. उनपर दो भारतीय मछुआरों को समुद्री डाकू समझकर गोली मार देने का आरोप है. इस मामले को लेकर भारत और इटली के बीच ठन गई है.

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तस्वीर: Fotolia/Karsten Thiele

केरल हाई कोर्ट ने इटली के अभियुक्तों को दो-दो भारतीय जमानती पेश करने को कहा, ताकि मुकदमे के दौरान दोनों नौसैनिकों की उपस्थिति की गारंटी हो सके. इसके अलावा उन्हें 1-1 करोड़ का मुचलका भरने को कहा गया है.

इस मामले पर इटली के प्रधानमंत्री कई बार भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फोन कर चुके हैं जबकि भारत का कहना है कि मुकदमा भारत में चलना चाहिए क्योंकि हत्या भारतीय नाव पर हुई है. इटली की दलील है कि मुकदमा रोम में चलना चाहिए क्योंकि घटना अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में हुई है.

इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया था कि इटली के नौसैनिकों पर भारतीय कानूनों के तहत भारतीय अदालतों में मुकदमा चलाया जा सकता है. इटली के अधिकारी कह रहे हैं कि घटना अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में हुई है, इसलिए वह भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. इटली सरकार दोनों नौसैनिकों को रिहा किए जाने की मांग कर रही है.

हाई कोर्ट के जस्टिस पीएस गोपीनाथन ने मंगलवार को एफआईआर रद्द करने की इटली के कंसुल जनरल और दोनों नौसैनिकों मासिमिलानो लाटोरे तथा सल्वाटोरे गिरोने की याचिका ठुकरा दी थी. अदालत ने अपीलकर्ताओं को एक-एक लाख रुपये का अदालती खर्च चुकाने को भी कहा. जज ने कहा कि गोली मारने की घटना क्रूर और बर्बर थी, इसलिए निष्कर्ष निकलता है कि उन्होंने ऐसा खुद किया. "गोली मारना सार्वभौम कर्तव्य नहीं हो सकता, इसलिए नौसैनिक सार्वभौम सुरक्षा के अधिकारी नहीं हैं."

इटली के कारोबारी जहाज परएनरिका लेक्सी पर तैनात नौसैनिकों ने 15 फरवरी को केरल के तट के पास भारतीय मछुआरों पर गोली चलाई थी जिसमें वैलेंटीन जैलेस्टीन और अजेश बी की मौत हो गई थी. अभियुक्तों का कहना है कि मछुआरों की नौका संदेहास्पद बर्ताव कर रही थी और उन्होंने चेतावनी अनदेखी कर दी थी.

नौसैनिकों को 19 फरवरी को भारतीय पुलिस ने पकड़ लिया था. इटली ने गिरफ्तारी को अवैध बताया है और उसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी. इसके अलावा उसने मारे गए मछुआरों के परिवार वालों को एक एक करोड़ रुपये का हर्जाना भी दिया है.

सोमाली समुद्री डकैतों से निबटने के लिए कार्गो जहाजों और तेल टैंकरों पर पिछले समय में सुरक्षा गार्डों को तैनात किया जा रहा है. वे जहाजों और कर्मियों को बंधक बना लेते हैं और करोड़ों डॉलर की फिरौती मांग करते हैं. लेकिन भारत के समुद्री तट पर समुद्री डाकू सक्रिय नहीं हैं.

एमजे/एएम (एपी, एएफपी)

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