मधुमक्खियों को मार डालेगा मोबाइल फोन
३० मई २०१०विज्ञान पत्रिका करंट साइंस में छपे एक अध्ययन के मुताबिक मोबाइल फोन के बढ़ते चलन से शहद देने वाली मक्खियां भारी मुश्किल में हैं. मोबाइल फोन और इसके लिए लगाए जाने वाले टावरों की वजह से मधुमक्खियां रास्ता भटककर मौत के मुंह में जा रही हैं. सेलफोन टावरों की वजह से मधुमक्खियों की नेवीगेशन (रास्ता खोजने की वैज्ञानिक कला) प्रक्रिया खत्म हो गई है. इसके चलते फूलों की तलाश में भटकने वाली ये मीठी मक्खियां परागकण इकट्ठा करने के बाद अपने छत्तों तक वापस नहीं पहुंच पा रही हैं.
मधुमक्खियों के शरीर और व्यवहार पर भी घातक असर पड़ रहा है. पंजाब यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, ''इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के बढ़ते इस्तेमाल से वातावरण में इलेक्ट्रो प्रदूषण की स्थिति पैदा हो गई है. मधुमक्खियां अन्य पतंगों की तरह अपने शरीर के प्राकृतिक चुंबक का इस्तेमाल करती हैं. इसकी मदद से वह रास्ता ढूंढती हैं लेकिन विकिरण की वजह से अब वह भ्रमित हो रही है.''
वैज्ञानिकों का कहना है कि विकिरण की वजह से मधुमक्खियों के अंडे देने की क्षमता भी कम हो गई है. सभी मधुमक्खियां अंडे नहीं देती हैं. हर छत्ते में एक रानी मक्खी होती है जो अंडे देती है, बाकी मज़दूर मधुमक्खियां फूलों से पराग लाती हैं, पानी लाती है और छत्ते की देखरेख करती हैं. इन तथ्यों को देखते हुए वैज्ञानिकों को आशंका हैं कि मोबाइल फोन के बढ़ते प्रभाव से शहरों के बाद गांवों से मधुमक्खियां खत्म होने लगेंगी. उनके पास रहने के लिए एक ही जंगल का विकल्प बचेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे