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मलाला पर हमले का मलाल नहीं

१० अक्टूबर २०१२

पाकिस्तान तालिबान ने कहा है कि उसे युवा किशोरी पर जानलेवा हमले का कोई मलाल नहीं क्योंकि वह महिलाओं की शिक्षा की वकालत कर रही थी. उधर, पाकिस्तान सरकार सहित पूरी दुनिया ने इस कायराना हमले की निंदा की है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने यूसुफजई पर हमले की कड़ी निंदा की है. पाकिस्तान में 14 साल की इस किशोरी के अलावा दो अन्य छात्राएं भी गंभीर रूप से घायल हुई हैं. नूलैंड ने कहा, "बच्चों पर हिंसा करना बर्बरता है और कायरता की निशानी है. हमारी संवेदनाएं उसके और दो घायल लड़कियों, उनके परिजनों के साथ हैं."

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है. साथ ही जोर दिया है कि इससे कट्टरपंथियों के खिलाफ संघर्ष करने का निश्चय कमजोर नहीं होगा और न ही लड़कियों को शिक्षा देने के अभियान पर आंच आएगी.

सिर और गले में गोली लगने के बाद यूसुफजई की हालत गंभीर लेकिन स्थिर है. पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने स्वात घाटी में उस स्कूली बस पर गोलीबारी की जिसमें वह जा रही थी.

पाकिस्तान तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है. उसका कहना है कि उग्रवादियों की आलोचना और लड़कियों की शिक्षा के लिए उसके काम का विरोध करते हुए यह हमला किया गया. तालिबान के प्रवक्ता अहसानुल्लाह अहसन ने कहा, "वह लड़की जिहाद और तालिबान की आलोचना कर रही थी. इसलिए हमने उस पर हमला किया. यह उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है, जो उसके नक्शे कदम पर चलेंगे या फिर हमारे खिलाफ आवाज उठाएंगे. हमने उसे कई बार इस बारे में चेतावनी दी थी और कहा था कि वह पश्चिमी देशों के गैरसरकारी संगठनों का सहयोग बंद करे और इस्लाम के रास्ते पर लौट आए."

यूसुफजई ने तब लोगों का ध्यान खींचा जब उसने 2009 में तालिबान के अत्याचार पर बीबीसी में ब्लॉग लिखा. यह वही दौर था जब कट्टरपंथियों के नेतृत्व में लड़कियों के स्कूल फूंके गए और घाटी में आतंक फैलाया गया.

पिछले साल पाकिस्तान ने उसकी कोशिशों के लिए उसे पहला राष्ट्रीय शांति पुरस्कार दिया था. उसे अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था. स्वात घाटी में 2007 से 2009 के बीच तालिबान का नियंत्रण था लेकिन जुलाई 2009 में पाकिस्तान की सेना वहां कार्रवाई की.

उधर मलाला यूसुफजई का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह इस बारे में विचार कर रहे हैं कि क्या मलाला को इलाज के लिए विदेश ले जाने की जरूरत है. फिलहाल वह पेशावर के सैनिक अस्पताल में भर्ती है. जहां सिविल और सैन्य डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं.

मंगलवार को हमले के बाद रात में मलाला को आईसीयू में रखा गया.

एएम/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)

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