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मशहूर जर्मन पोलर बेयर क्नूट ने दुनिया छोड़ी

२० मार्च २०११

जर्मनी की राजधानी बर्लिन के जू में चहेते ध्रुवीय भालू क्नूट की मौत से उसके चाहने वाले दुखी हैं. चार वर्षीय क्नूट किसी स्टार से कम नहीं था. आम लोग ही नहीं, हॉलीवुड के स्टार भी उसके दीवाने थे.

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अब यादों में रहेगा क्नूटतस्वीर: AP

बर्लिन चिड़ियाघर की प्रवक्ता क्लाउडिया बीनेक ने कहा, "हम सब हैरान हैं". शनिवार शाम को क्नूट अपने बाड़े के तालाब में पाया गया, उसकी मौत हो चुकी थी और वह केवल चार साल और तीन महीने का था. पोलर बेयर आम तौर पर 35 साल तक जिंदा रहते हैं. क्नूट की मौत का कारण अब तक पता नहीं चला है. सोमवार को डॉक्टर मौत के कारणों की जांच करना शुरू करेंगे.

बर्लिन के एक अखबार के मुताबिक क्नूट को देखने आए दर्शकों का कहना था कि वह कुछ पत्थरों पर बैठा हुआ था जब उसका दाहिना पैर जोरों से हिलने लगा. फिर वह गोल गोल घूमने लगा और पानी में गिर गया. जू के कर्मचारियों ने फिर क्नूट के एन्क्लोशर को ढक दिया और उसे पानी से निकालने की कोशिश की. कुछ देर में जू भी बंद कर दिया गया. बर्लिन के मेयर क्लाउस वोवेराइट ने कहा, "यह बहुत बुरी खबर है. वह बर्लिन जू का स्टार था."

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किसी स्टार से कम नहीं था क्नूटतस्वीर: AP

जब क्नूट पैदा हुआ था तो उसका वजन नौ किलो था. मीडिया में उसकी बात तब चली जब पैदा होने के बाद उसकी मां ने क्नूट सहित उसके भाई को भी अपनाने से इनकार कर दिया. फिर उसको पालने वाले थॉमस डोएरफ्लाइन ने बोतल से दूध पिलाकर क्नूट को पाला पोसा और गिटार पर गाना बजाकर उसे खुश रखने की कोशिश की. 2008 में डोएरफ्लाइन की मौत हो गई.

बर्लिन जू में क्नूट की वजह से ढेर सारे दर्शक आने लगे और क्नूट के नाम पर बने खिलौने और उसके फोटो भी काफी मशहूर हुए. हॉलीवुड पत्रिकाओँ में भी क्नूट के फोटो छपने लगे और वहां के कई स्टार उससे मिलने बर्लिन आए. लेकिन बड़े होने के बाद क्नूट के व्यवहार में बदलाव दिखने लगे. वह लोगों की नकल करने लगा और कुछ हद तक हिंसक भी हो गया. पशुओं की रक्षा के लिए जिम्मेदार जर्मन संगठन के वोल्फगांग आपेल के मुताबिक इससे साफ पता चलता है कि क्नूट की जगह जू में नहीं बल्कि ध्रुवीय इलाकों में है. क्नूट की जिंदगी छोटी और काफी दुखद रही होगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार

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