माउंट मेरापी ज्वालामुखी ने फिर लीं 49 जानें
५ नवम्बर २०१०इंडोनेशिया के इस सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से 26 अक्टूबर से रह रहकर लावा बाहर आ रहा है जो अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. शुक्रवार को लावा फूटने के बाद नजदीकी योग्यकर्ता शहर में अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया, "मरने वालों की संख्या बढ़ कर 49 हो गई है और 66 लोग घायल हुए हैं." मृतकों में ज्यादातर अर्गोमुलयो गांव के बच्चे हैं. यह गांव ज्वालामुखी से 18 किलोमीटर दूर पड़ता है.
अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि ज्वालामुखी से जले दर्जनों घायलों का इजाल चल रहा है. इनमें कइयों को ज्वालामुखी की राख की वजह से सांस लेने में भी परेशानियां आ रही हैं. सरकारी ज्वालामुखी विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्रवार को अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट हुआ है. एक विशेषज्ञ सुरोनो ने बताया, "धुएं के बादल ज्वालामुखी से 13 किलोमीटर दूर तक दिखाए दिए हैं और धमाके को 20 किलोमीटर दूर तक सुना गया." सरकार ने माउंट मेरापी के इलाके में रहने वाले लोगों से तुरंत अपने घर छोड़ देने को कहा है. लगभग एक लाख लोग पहले से ही अस्थायी शिविरों में रहे हैं.
टीवी फुटेज में मेरापी के आसपास के खतरनाक इलाके में सेना और पुलिस के जवानों को शवों के निकालते हुए दिखाया जा रहा है. इससे पहले बुधवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि 26 अक्टूबर से ज्वालामुखी फटने के कारण कम से कम 44 लोग मारे गए जा चुके हैं जबकि 119 लोग घायल हुए हैं.
2,968 मीटर ऊंचा माउंट मेरापी राजधानी जकार्ता से 500 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में स्थित है. इस ज्वालामुखी में सबसे बड़ा विस्फोट 1930 में हुआ जबकि लावे ने 1,370 लोगों की जानें लीं. इसके बाद 1994 में कम से कम 66 लोग मारे गए. 2006 में माउंट मेरापी के ज्वालामुखी ने दो लोगों की जान ली.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार