मानवाधिकारों पर चीन से खुला संवाद हो: वेस्टरवेले
२७ जून २०११सोमवार को जर्मन टेलिविजन को दिए गए एक इंटरव्यू में वेस्टरवेले ने कहा, "हमारे संबंधों की गहनता इस बीच इतने गहरे और स्थायी हैं कि मतभेदों पर भी बातचीत की जा सकती है." विदेश मंत्री ने कहा, "यदि मुद्दों पर लाज रखते हुए विवेकपूर्ण तरीके से बात की जाए तो हर चीज पर चर्चा की जा सकती है, बहुत मुश्किल मुद्दों पर भी."
गीडो वेस्टरवेले ने कहा कि स्वाभाविक तौर पर संस्कृति की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बैठक करने की स्वतंत्रता के साथ जर्मनी के संबंध अलग तरह के हैं. "और हम इसका प्रतिनिधित्व भी करते हैं."
जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि भले ही पिछले महीनों और पिछले डेढ़ सालों में चीन से निंदनीय और चिंताजनक खबरें आई हों, वहां मानवाधिकार के मुद्दों पर प्रगति हुई है. पिछले दस से पंद्रह सालों की ओर इशारा करते हुए वेस्टरवेले ने कहा कि इसे स्वीकार करना होगा कि हालात बेहतर हुए हैं.
आर्थिक मुद्दों पर भी
जर्मनी और चीन के बीच बर्लिन में होने वाले मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में आर्थिक संबंधों के अलावा यूरोपीय संघ के कर्ज संकट के बारे में भी चर्चा होगी. चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ अपने 13 मंत्रियों के साथ बर्लिन आ रहे हैं. दोनों देशों के कैबिनेट की संयुक्त बैठक अर्थनीति मंत्रालय में होगी. मंगलवार को वेन जियाबाओ और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की अलग से मुलाकात होगी. जर्मन सरकार चीन पर मानवाधिकारों का पालन करने के लिए दबाव डालेगी.
चीन और जर्मनी के बीच अच्छे व्यापारिक संबंध हैं, जिसमें लगातार वृद्धि हो रही है. जर्मनी ने 2010 में चीन को 53.64 अरब यूरो का निर्यात किया जबकि चीन से 76.53 अरब यूरो के माल का आयात हुआ. इसके बावजूद दोनों ही पक्ष बाधाओं की शिकायत करते हैं, जर्मनी के उद्यमियों को चीन में तकनीक चुराए जाने की चिंता सताती है. इसके अलावा चीन उच्च तकनीकी उत्पादों के लिए जरूरी दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर लगाम कस रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा एम