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मिलकर आतंकवाद से लड़ेंगे भारत और जर्मनी

कुलदीप कुमार, नई दिल्ली २२ जनवरी २००९

भारत और जर्मनी ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कुछ अहम फ़ैसले लिए हैं. भारत दौरे पर गए जर्मन संघीय अपराध कार्यालय (बीकेए) के प्रमुख योएर्ग त्सिर्के ने भारत को कई क्षेत्रों में मदद की पेशकश की है.

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भारत दौरे पर हैं बीकेए प्रमुख योएर्ग त्सिर्केतस्वीर: AP

त्सिर्के ने नई दिल्ली में भारत के केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन, ख़ुफिया ब्यूरो के निदेशक राजीव माथुर और सीबीआई के निदेशक अश्विनी कुमार के साथ मुलाक़ात की और भारत को अत्याधुनिक आतंकवाद निरोधक टेक्नोलोजी, सूचना का आदान प्रदान तथा प्रशिक्षण देने की पेशकश की.

गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में त्सिर्के ने कहा कि भारतीय अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत में साझा आतंकवाद निरोधक प्रकोष्ठ तथा इंटरनेट विश्लेषण प्रकोष्ठ बनाने पर मुख्य तौर पर चर्चा हुई. वर्ष 2001 में अमेरिका में हुए आतंकवादी हमलों के बाद जर्मनी ने संयुक्त आतंकवाद निरोधक प्रकोष्ठ स्थापित किया था. त्सिर्के ने कहा कि यह प्रकोष्ठ अब तक छह आतंकवादी हमले रोकने में सफल हुआ है. इंटरनेट विश्लेषण प्रकोष्ठ का काम साइबर अपराध को रोकना है.

त्सिर्के ने कहा कि सूचना, रणनीति और योजना के लगातार आदान प्रदान से ही आतंकवाद का मुक़ाबला किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी में सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित करके इस आदान प्रदान को आगे बढाया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारत में इनका आयोजन हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी और गाजियाबाद स्थित सीबीआई अकादमी में किया जा सकता है. योएर्ग त्सिर्के ने कहा कि जर्मनी को जो जानकारी है उसके अनुसार मुंबई में हुए आतंकवादी हमले लश्कर-ए-तैयबा द्वारा कराये गए थे. अल क़ायदा और लश्कर के प्रशिक्षण शिविर अफ़ग़ानिस्तान और उसकी सीमा से सटे पाकिस्तान के क़बायली इलाक़ों में हैं. उन्होंने बताया कि जर्मनी में भी लश्कर-ए-तैयबा के कार्यकर्त्ता मौजूद हैं.

त्सिर्के ने कहा कि बहुत संभव है कि अगले सप्ताह जर्मनी के आतंकवाद निरोधक विशेष बल जी एस जी-9 के प्रमुख ओलाफ लिन्डनेर भारत आएं और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी ) को प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में वार्ता करें. एनएसजी को जी एसजी-9 की तर्ज़ पर ही गठित किया गया था और अब उसके छह क्षेत्रीय केंद्र खोले जाने हैं.