मिलान की जीत सबकी जीत
२१ फ़रवरी २०१३मिलान को 57वें मिनट में केविन प्रिंस बोआटेंग ने एक गोल दिलाया. बोआटेंग वैसे तो घाना मूल के हैं लेकिन जर्मनी में पैदा हुए. उनकी मदद की क्रिस्टियान जपाटा और रिकार्दो मोंटोलीवो ने.
बार्सिलोना के खिलाड़ियों ने गोल रोकने की पूरी कोशिश तो की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. खेल खत्म होने से नौ मिनट पहले सली मुंटारी ने मिलान के लिए एक और गोल दाग दिया.
मिलान के खिलाड़ी बार्सिलोनाके गोलों को रोकने में भी बहुत सफल रहे. पूरे मैच के दौरान बार्सेलोना को गोल करने के केवल दो मौके मिले. बार्सिलोना के स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेसी को फ्री किक के दो मैके मिले लेकिन उन्होंने गोलपोस्ट के ऊपर बॉल दागा और अपनी टीम की किस्मत को बदलने में नाकाम रहे.
मिलान के लिए यह जीत अहम है. इटली की लीग में मिलान 15वें स्थान पर था लेकिन अब तीसरे पर है. कोच मासिमिलियानो अलेग्री टीम के प्रदर्शन से काफी खुश हैं, "यह एक जबरदस्त खेल रहा. लड़कों का जीतना जरूरी था. हमने बचाव पक्का रखा और हमें कई मौके मिले. लेकिन यह बिलकुल परफेक्ट भी नहीं था. हाफटाइम से पहले हमें गेंद कम मिली लेकिन टीम ने हाफटाइम के बाद सब सही कर दिया. मुझे लगता है कि इस जीत से हमें बहुत फायदा होगा. यह जीत सबकी है, खिलाड़ियों की जिन्होंने खेला, और जिन्होंने नहीं खेला, स्टाफ...सबके लिए."
19 जनवरी 2011 के बाद बार्सिलोना पहली बार दो गोल से हारी है. बार्सिलोना के उप कोच खोरदी रोरा ने माना है कि उनकी टीम के लिए गोल बनाना मुश्किल रहा. मिलान के पहले गोल के बाद बार्सिलोना को और दिक्कत हुई. रोरा का कहना है कि टीम जिस पिच पर खेल रही थी, वह बहुत अच्छा नहीं था. अगले महीने बार्सिलोना अपने शहर में खेलेगी और रोरा का कहना है कि इससे टीम का प्रदर्शन अच्छा होने की उम्मीद है.
उधर इस्तांबुल में गालातासराय और जर्मन क्लब शाल्के का मुकाबला 1-1 गोल से ड्रॉ रहा. गलातासराय के मिडफील्डर नोर्दिन अम्राबात ने कहा कि उनकी टीम को इस ड्रॉ के बाद चैम्पियंस लीग में रहने में परेशानी होगी. यूवेंटुस और बोरुसिया डॉर्टमुंड के अलावा शाल्के तीसरी टीम है जिसे इस बार चैम्पियंस लीग में हार का सामना नहीं करना पड़ा है. डॉ़र्टमुंड और बायर्न म्यूनिख सहित शाल्के चैम्पियंस लीग के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए कड़ा दावेदार बन रहा है.
रिपोर्टः एमजी/एएम(एपी, एएफपी)