मिस्र के विदेश मंत्री ने इस्तीफा दिया
१७ जुलाई २०११इसी साल फरवरी में राष्ट्रपति पद से होस्नी मुबारक की विदाई के बाद बनी कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री एसाम शराफ कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि सोमवार तक वह एक नई कैबिनेट का एलान कर देंगे. इसके बाद ही हफ्ते भर से काहिरा में धरने पर बैठे लोगों की वहां से जाने की संभावना बनेगी. एसाम शराफ ने उदारवादी वफ्द पार्टी के नेता और अर्थशास्त्री हाजेम बेबलावी और अली अल सिल्मी को अपना डेपुटी बनाया है. इन दोनों की नियुक्ति के कुछ ही घंटे बाद सरकारी समाचार एजेंसी ने ओराबी के इस्तीफे के एलान की खबर दी.
विदेश मंत्री ओराबी ने कहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है जिससे कि, "प्रधानमंत्री को मंत्रिमंडल का बदलाव करने में शर्मनाक स्थिति का सामना न करनी पड़े." ओराबी विदेश मंत्री की कुर्सी पर एक महीने से भी कम समय के लिए रहे. उन्होने लोकप्रिय नेता नबील अल अरबी की जगह ली थी जो अरब लीग का नेतृत्व करने के लिए मंत्रालय छोड़ गए.
इस्तीफे और नियुक्ति का एलान होने के बावजूद सैकड़ों प्रदर्शनकारी विरोध के मैदान में डटे हुए हैं. सरकारी समाचार एजेंसी मीना के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारियों ने सैन्य प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद अपनी भूख हड़ताल जरूर बंद कर दी है.
सत्ताधारी सर्वोच्च सैन्य परिषद ने भी अपने फेसबुक पेज पर शनिवार की शाम एक बयान जारी कर कहा है कि वो सैन्य मुकदमों को बलात्कार, पुलिस पर हमले और हथियारबंद हमलों तक ही सीमित कर रही है. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की एक प्रमुख मांग ये भी है कि सामान्य नागरिकों पर सैन्य अदालतों में चल रहे मुकदमों को बंद किया जाए. ये मुकदमे मुबारक की सत्ता से विदाई की बाद शुरू किए गए. हालांकि सेना ने अपने बयान में ये चेतावनी भी दी है कि वह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का तो सम्मान करेगी लेकिन अगर सरकारी या निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया तो वो प्रदर्शनकारियों का साथ नहीं देगी. शराफ पर विरोध प्रदर्शनकारी सुधारों को लागू करने में देरी और सैन्य शासन में उनकी कम ताकत के लिए दोषी ठहरा रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम