मिस्र में तुरंत शुरू हो बदलावः ओबामा
२ फ़रवरी २०११बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और तेज होते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच मुबारक ने मंगलवार रात राष्ट्रीय टीवी पर अपने संबोधन में कहा, "मैं इस बात के लिए वचनबद्ध हूं कि जो भी करूं, उससे मिस्र में शांति बनाए रखने की मेरी जिम्मेदारी पूरी हो. मैं राष्ट्रपति के तौर पर बचे अपने कार्यकाल में सत्ता के शांतिपूर्ण बदलाव को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाऊंगा. मेरी पहली प्राथमिकता देश में शांति और कानून व्यवस्था को बहाल करना है."
मुबारक के सत्ता से हटने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात करने वाले प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मिस्र के राष्ट्रपति ने कहा, "अगले चुनावों में जो भी चुना जाएगा, उसे सत्ता सौंप दी जाएगी. अगले राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेना का मेरा कोई इरादा नहीं है."
तुरंत बदलाव शुरू हो
राष्ट्रीय टीवी पर मुबारक के इस संबोधन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनसे बात की. ओबामा ने कहा, "मैंने राष्ट्रपति मुबारक को संकेत दिया है कि एक व्यवस्थित और सार्थक बदलाव होना चाहिए. यह शांतिपूर्वक होना चाहिए और इसकी शुरुआत अभी होनी चाहिए." ओबामा के मुताबिक मुबारक ने कहा कि मौजूदा स्थिति को जारी नहीं रखा जा सकता है और बदलाव का रास्ता तैयार करना होगा.
हालांकि ओबामा ने साफ तौर पर यह नहीं कहा कि मुबारक को तुंरत इस्तीफा दे देना चाहिए. लेकिन वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस चाहेगा कि चुनाव होने से पहले सत्ता एक एक अंतरिम सरकार को सौंप दी जाए. मिस्र के बारे में अपना रुख तय करने में अमेरिका को काफी वक्त लगा है. अब जाकर उसने मिस्र के लिए लोकतांत्रिक लक्ष्यों का समर्थन किया है, लेकिन वह लंबे समय से सहयोगी रहे मुबारक को भी अलग थलग नहीं छोड़ना चाहता है.
राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के खिलाफ हफ्ते भर से राजधानी काहिरा और कई दूसरे शहरों में प्रदर्शन हो रहे हें. मंगलवार को काहिरा में लाखों लोगों ने सड़कों पर उतर कर होस्नी मुबारक से तुरंत सत्ता छोड़ देने को कहा. मुबारक पिछले तीस साल से मिस्र के राष्ट्रपति हैं. देश में सत्ता विरोधी प्रदर्शनों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. पिछले दिनों ट्यूनिशिया में सत्ता विरोधी प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति बेन अली को सत्ता से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके बाद मिस्र के अलावा यमन और जॉर्डन जैसे कई अरब देशों में लोग अपनी सरकारों के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं.
मुबारक की चाल
उधर मिस्र में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद अल बारादेई ने राष्ट्रीय टीवी पर मुबारक के भाषण को खारिज किया है और कहा है कि इसमें लोगों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव न लड़ने की मुबारक की घोषणा को धोखा कहा. आईएईए के पूर्व प्रमुख और नोबेल शांति विजेता अल बारादेई ने सीएनएन के साथ बातचीत में कहा कि अगर मुबारक तुरंत सत्ता नहीं छोड़ते हैं तो वह न सिर्फ एक बेअसर राष्ट्रपति बल्कि चलती फिरती लाश होंगे.
अल बारादेई ने मुबारक को एक तानाशाह बताया जो लोगों की मांगों पर ध्यान नहीं देना चाहता. उन्होंने कहा, "वह लोगों की पीड़ा को और छह सात महीने बढ़ाना चाहते हैं. वह बराबर देश को बांट रहे हैं. वह लोगों के गुस्से को भड़का रहे है जिससे वे हिंसा पर ऊतारू हो सकते हैं." बारादेई ने कहा कि मुबारक का कदम एक चालबाजी है. वह कहते हैं, "जिसने भी उन्हें यह सलाह दी है, बिल्कुल गलत सलाह दी है. उन्हें तुरंत जाना होगा." एनबीसी को दिए एक अलग इंटरव्यू में बारादेई ने कहा कि मिस्र के लोग एकजुट होकर यही मांग कर रहे हैं कि मुबारक इस्तीफा दें.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी