मिस्र में प्रदर्शन रोकने के लिए सेना सड़कों पर
२९ जनवरी २०११मिस्र में शुक्रवार को भारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने जनता को एक संदेश में कहा कि उन्होंने मंत्रीमंडल को इस्तीफा देने के आदेश दिए हैं. काहिरा के सड़कों पर सेना को तैनात कर दिया गया है. सेना के टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां राजधानी काहिरा में गश्त लगा रही हैं. विरोधी प्रदर्शन अब भी जारी है और सत्ताधारी पार्टी के मुख्यालय को भी जला दिया गया है.
प्रदर्शनकारी अब भी राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने होस्नी मुबारक से संयम बरतने और प्रदर्शनकारियो के खिलाफ बल प्रयोग न करने की अपील की है. राष्ट्रपति ओबामा ने कहा,"मैं साफ तौर पर मिस्र के अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ बल प्रयोग न किया जाए."
मुबारक ने हालांकि सुरक्षा बलों की कार्रवाई का बचाव किया है. काहिरा में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और सेना भी वहां पर तैनात है. इस हफ्ते की शुरुआत से हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद मुबारक ने पहली बार जनता को संबोधित किया. हालांकि उनके भाषण के दौरान भी विरोधी प्रदर्शन जारी रहे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि होस्नी मुबारक के पद पर रहते हुए सरकार बदलने से कुछ नहीं होगा.
मुबारक ने कहा, "मुझे खेद है कि दोनों नागरिकों और सैनिकों में से मासूम लोगों की मौत हुई है और कई घायल भी हुए हैं." रिपोर्टों के मुताबिक प्रदर्शनों में हुए झड़पों में 23 लोग मारे गए हैं. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मुबारक ने कहा कि वे जनता की बात समझते हैं कि वे गरीबी, बेरोजगारी और लोकतांत्रिक सुधार चाहते हैं. उन्होंने वादा किया कि वह प्रगति की राह पर चलते रहेंगे. उनका मानना था कि उनके सुधारों की वजह से ही मिस्र में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन आयोजित करने की स्थिति में हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एमजी
संपादनः एन रंजन