मुबारक का मुकदमा बंद दरवाजों के भीतर होगा
१५ अगस्त २०११हुस्नी मुबारक पर भ्रष्टाचार और हत्या के आरोप लगाए गए हैं. जज अहमद रफात ने फैसला किया है कि मुबारक और उनके पूर्व गृह मंत्री हबीब अल अदली के खिलाफ मुकदमा एक साथ चलाया जाएगा. सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जनवरी और फरवरी में मारे गए लोगों के परिजनों के वकीलों ने इसकी मांग की थी. इस मुकदमे के टीवी पर लाइव प्रसारण पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
इस सुनवाई के लिए मुबारक को हेलिकॉप्टर से लाया गया और फिर राजधानी काहिरा की पुलिस अकादमी में एंबुलेंस से ले जाया गया. अदालत के बाहर कड़ी सुरक्षा थी क्योंकि मुबारक के समर्थक और विरोधी, दोनों ही इस मुकदमे को लाइव देख रहे थे. एएफपी समाचार एजेंसी ने लिखा है कि दोनों धड़ों के बीच पत्थरबाजी हुई और कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं.
3 अगस्त को शुरू हुए मुकदमे में मुबारक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया था. इस सुनवाई में उन्हें सलाखों के पीछे स्ट्रेचर पर लिटा कर रखा गया था और टीवी पर देखा जा सकता था कि वह अपने बेटों जमाल और अला से बीच बीच में बातचीत कर रहे हैं.
सोमवार को जैसे मुकदमा आगे बढ़ा तो पूर्व राष्ट्रपति स्ट्रेचर पर लेटे हुए थे, उनके हाथ उनकी छाती पर थे और दोनों बेटे उन्हें कैमरे से बचाने की कोशिश कर रहे थे. मुबारक ने कमजोर आवाज में अपनी उपस्थिति दर्ज की, जबकि जज वकीलों से शांत रहने की अपील कर रहे थे.
83 साल के हुस्नी मुबारक पर आरोप हैं कि उन्होंने जनवरी के मध्य से शुरू प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश दिए जिसमें कई लोगों की मौत हुई. 11 फरवरी को राष्ट्रपति छोड़ने वाले मुबारक को काहिरा के सैनिक अस्पताल में रखा गया है. उनका अदालत में उपस्थित होना मिस्र के लोगों के लिए हैरानी की बात है क्योंकि कुछ ही लोग ऐसा मान रहे थे कि उन्हें कभी अदालत में देखा जा सकता है.
बचाव पक्ष के वकील फरीद अल दीब ने जज से सभी 1,600 गवाहों को अदालत में बुलाने की मांग की जिनमें कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार