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मुबारक की विदेश यात्रा पर बैन, संपत्ति भी जब्त

२८ फ़रवरी २०११

मिस्र की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक और उनके परिवार के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है. उनकी संपत्ति को भी जब्त कर लिया गया है और विदेशी खातों की भी छानबीन हो रही है. उनके कई करीबियों पर भी शिंकजा कस रहा है.

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मुश्किल में मुबारकतस्वीर: AP

मिस्र के एक कानूनी अधिकारी ने कहा कि सरकार का यह फैसला उनकी पत्नी सुजैन और उनके दो बेटों आला और जमाल मुबारक पर भी लागू होगा. 11 फरवरी को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद मुबारक ने देश की की कमान सेना को सौंप दी.

21 फरवरी को मिस्र के प्रोसिक्यूटर जनरल अब्दुल मागिद महमूद ने पूर्व राष्ट्रपति और उनके परिवार की संपत्ति को जब्त करने के लिए अर्जी दी थी. उन्होंने विदेश मंत्री अहमद अबुल घैत पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने विदेशी सरकारों से मुबारक की संपत्ति के संदर्भ में संपर्क किया था. कानूनी अधिकारी ने कहा कि प्रोसिक्यूटर जनरल के दफ्तर को कई शिकायतें मिली थीं जिनमें मुबारक की विदेशी संपत्ति को लेकर जानकारी थी और जांच की जरूरत महसूस हो रही है.

बताया जाता है कि मुबारक ने अपने 30 साल के शासन के दौरान बहुत सारी संपत्ति हासिल की. हालांकि उनके एक कानूनी सलाहकार का कहना है कि यह सब बेबुनियाद अफवाहें हैं. उधर सरकारी अखबार अल अहराम के मुताबिक मुबारक और उनके परिवार के नाम मिस्र के बैंकों में खुफिया खाते हैं जिनमें मुबारक और उनकी पत्नी के नाम पर 114 करोड़ डॉलर हैं और उनके बेटों के खातों में 100-100 करोड़ जमा किए गए हैं.

रविवार को ही कानूनी अधिकारियों ने एलान किया था कि पूर्व गृह मंत्री हबीब अल अदली को काला धन सफेद करने के आरोप में अदालत में पेश किया जाएगा. फ्रांस ने भी पिछले हफ्ते कहा है कि वह मिस्र का सहयोग करेगा. स्विट्जरलैंड ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति मुबारक के स्विस बैंकों के खाते करोड़ों फ्रैंक से भरे हुए हैं. पूर्व गृह मंत्री अदली सहित पूर्व पर्यटन मंत्री जौहर गर्रानह और उद्योगपति अहमद अज मिस्र के पूर्व शासन के पहले अधिकारी होंगे जिन पर कानूनी कार्रवाई शुरू होगी. मिस्र में 18 दिनों के हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 384 लोगों की मौत हुई थी और 6,000 से ज्यादा घायल हुए थे. मिस्र के लोग प्रशासन में भ्रष्टाचार और देश में गरीबी के खिलाफ आवाज उठा रहे थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार

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