मेसी बने फ़ीफ़ा प्लेयर ऑफ द ईयर
२२ दिसम्बर २००९इसी महीने फ़ुटबॉल जगत के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान यूरोप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार बलौन द'ओ पाने वाले मेसी का जादू फ़ीफ़ा पर भी चला. 'फ़ीफ़ा प्लेयर ऑफ़ द ईयर' पुरस्कार की दौड़ में दुनिया के सबसे महंगे फ़ुटबॉल खिलाड़ी पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो को काफ़ी पीछे छोड़ते हुए गोल मेसी ने मारा. स्विटज़रलैंड के शहर ज्यूरिष में यूरोपियन फ़ुटबॉल संघ यूएएफ़ा के अध्यक्ष मिशेल प्लाटीनी ने मेसी को ट्रॉफी सौंपीं.
इस दौरान मेसी ने कहा कि ये पुरस्कार उनके लिए क्रिसमस और नए साल का एक बेहतरीन तोहफ़ा है. मजा़किया अंदाज़ में मेसी ने कहा, ''ये केक की सजावट की तरह है.''
छोटे कद के तेज़ तर्रार लियोन मेसी 13 साल की उम्र से स्पेन के क्लब बार्सिलोना के साथ है. मेसी में अद्भुत प्रतिभा देखकर बार्सिलोना क्लब उनके पूरे परिवार को स्पेन ले आया था. तब से ही मेसी बार्सिलोना की जान बने हुए हैं. सोमवार रात उन्होंने इस सम्मान का श्रेय अपनी टीम को दिया और कहा, ''इससे मेरे साथी खिलाड़ियों, टीम और क्लब बार्सिलोना के लिए इस सीज़न का शानदार अंत हुआ है.''
फ़ीफ़ा के इस पुरस्कार को पाने की होड़ में पिछड़े क्रिस्टियानो रोनाल्डो दूसरे नंबर पर रहे. मेसी को जहां 147 देशों के कोचों ने 1073 अंक दिए, वहीं रोनाल्डो सिर्फ़ 352 नंबर ही पा सके. ब्राज़ील के काका तो और भी पीछे रहे.
लेकिन इन खिलाड़ियों के सामने अब होड़ इन पुरस्कारों से कहीं ज़्यादा बड़ी है. अगले साल होने वाले फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप के मैच तय हो गए हैं और अब सारा ध्यान उसी पर है. डियागो माराडोना की कोचिंग से गुजरते हुए अर्जेंटीना बड़ी मुश्किल से वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर पाया है. कई प्रशंसक मानते हैं कि माराडोना की कोचिंग में मेसी बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. ख़ुद मेसी भी कहते हैं, ''वर्ल्ड कप में मैं कुछ ऐसा करना चाहूंगा जैसा मैं बार्सिलोना के लिए करता हूं. मुझे भरोसा है कि वर्ल्ड कप क्वालिफाईंग के अनुभव से बिल्कुल अलग होगा. वह मेरे और अर्जेंटीना के लिए अच्छा होगा.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा