मोहे कुत्ता ही कीजो
२६ जुलाई २०१०के-99 इस प्रोजेक्ट का नाम है. इसे कामयाब बनाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम को माथा खपाना पड़ा, कि कुत्तों के लिए लज़ीज़ आइसक्रीम कैसी हो सकती है. वैनिला तो चल नहीं सकता, आख़िर तय पाया गया कि चिकेन आइसक्रीम ही ठीक नाम रहेगा. तो चिकेन की महक वाली आइसक्रीम और ऊपर हड्डी की शक्ल का बिस्कुट. नाम दिया गया कैनिन कूकी क्रंच.
शनिवार को लंदन के रीजेंट पार्क की बुमेरांग पेट पार्टी में पहली बार के-99 के वैन में कुत्तों की यह आइसक्रीम बेची गई. पार्टी की प्रवक्ता सैली बेज़ांट का कहना है कि ब्रिटेन में गर्मी के दौरान हर व्यक्ति औसतन 50 आइसक्रीम खाता है. और बेचारे कुत्ते के सामने टोकरी में पानी डालकर दे दिया जाता है. वह कहती हैं, "ज़रा सोचिए, ब्रिटेन में एक करोड़ 5 लाख कुत्ते रहते हैं. उन्हें इंसान का सबसे अच्छा दोस्त कहा जाता है, लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है."
चिंता की कोई बात नहीं, अब बुमेरांग पेट्स पार्टी सामने आ चुकी है और आइसक्रीम बेचने वाली कंपनी के-99. इस गर्मी के दौरान लंदन के बड़े-बड़े पार्कों में कुत्तों के लिए आइसक्रीम बेची जाएंगी. उसके साथ मैच करने वाला संगीत परंपरागत आइसक्रीम चाइम्स नहीं, बल्कि कुत्तों की आम पसंद का ख़्याल रखते हुए स्कुबी डू बजाया जाएगा. मार्केटिंग में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी.
अब तक तो कुत्तों को यह पसंद आ रही है - कम से कम ऐसा ही कहा गया है. लेकिन फ़ैशन बदलते रहते हैं. इसका ख़्याल रखना पड़ेगा. आइसक्रीम की कीमत भी कम रखी गई है - 99 पेंस, यानी लगभग 70 रुपए. और इस पैसे का इस्तेमाल सड़क के कुत्तों की भलाई के लिए किया जाएगा. हर कुत्ता, जो आइसक्रीम खाएगा, अपने भाई-बहनों की मदद करेगा.
अभी तो डॉग आइसक्रीम के और नमूने आएंगे. उनके एक से एक नाम होंगे. हॉट डॉग की तर्ज़ पर कोल्ड डॉग कैसा रहेगा?
रिपोर्ट: एजेंसिया/उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: महेश झा