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मौत से बचा मौत का सौदागर

६ अप्रैल २०१२

अल कायदा से लेकर कोलंबियाई विद्रोहियों तक को हथियारों की सप्लाई करने वाले विक्टर बूट को 25 साल कैद की सजा सुनाई गई है. अमेरिकी अदालत ने इतने सबूत नहीं पाए कि उसे मौत की सजा दी जा सके.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

गहरी नीली आंखों और सपाट चेहरे के साथ जब 45 साल के बूट को न्यू यॉर्क की अदालत ने सजा सुनाई, तो वह चिल्ला पड़ा, "मैंने कभी किसी को मारने की कोशिश नहीं की. मैंने किसी को हथियार बेचने की कोशिश की. भगवान इस बात को जानता है."

पिछली सुनवाइयों के दौरान आम तौर पर खामोश रहने वाला बूट इस बार जब अमेरिकी कैदी की नारंगी ड्रेस में आया, तो खुद पर काबू न रख पाया. अगली लाइन में अमेरिकी सुरक्षा एजेंटों की तरफ अंगुली दिखा कर आरोप लगाने लगा. लेकिन उसकी बात पूरी होने से पहले ही टूटने लगी. खोखले शब्दों में उसने कहा, "ये लोग सच्चाई जानते हैं. ये लोग इस सच्चाई के साथ जिएंगे. भगवान तुम्हें माफ करेगा. तुम्हें भगवान को जवाब देना है, मुझे नहीं."

किसी जमाने में पांच दर्जन कारगो विमानों के मालिक विक्टर बूट को चार साल पहले अमेरिकी सुरक्षा एजेंटों ने स्टिंग ऑपरेशन कर थाइलैंड में गिरफ्तार किया था. अमेरिकी अफसर कोलंबिया के विद्रोही बन कर बूट से मिले थे, जो उन्हें मिसाइलों सहित भारी मात्रा में हथियार बेचने के लिए राजी हो गया था. दो साल तक थाइलैंड में कैद में रहने के बाद उसे 2010 में अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया. पिछले साल नवंबर में न्यू यॉर्क की एक अदालत ने उसे कई मामलों में दोषी माना.

Prozess gegen Viktor Bout
तस्वीर: dapd

सबसे बड़ा अपराधी

कभी रूस के लिए अनुवादक का काम कर चुके बूट को आधुनिक विश्व के सबसे खतरनाक अपराधियों में गिना जाता है. खोजी पत्रकारों डगलस फारा और स्टीफन ब्राउन ने 2007 में मौत के सौदागर नाम से एक किताब लिखी है. उनकी किताब "मर्चेंट ऑफ डेथः मनी, गन्स, प्लेन्स एंड द मैन हू मेक्स द वॉर पॉसिबल" में बूट की जिन्दगी के बारे में लिखा गया है और यह भी कि किस तरह वह बरसों से गिरफ्तारी से बचता रहा.

विक्टर बूट की सिर्फ कहानी ही फिल्मी नहीं है, उसकी कहानी पर हिट फिल्म वॉर ऑफ लॉर्ड्स भी बन चुकी है, जिसमें निकोलस केज ने शानदार भूमिका निभाई है. बताया जाता है कि 1990 और 2000 के शुरुआती दशक में बूट का हथियारों का कारोबार अपने उफान पर था. इसी दौरान अफगानिस्तान में अल कायदा फला फूला, जबकि अफ्रीकी देश लाइबीरिया में चार्ल्स टेलर का आतंक फैला था. बूट के कार्गो विमानों में मछली से लेकर रोजरमर्रा की दूसरी चीजें पूरी दुनिया में भेजी जाती थीं लेकिन आरोप है कि वह इस बहाने हथियारों का कोराबार करता था. वह फारसी सहित छह भाषा धुआंधार तरीके से बोल सकता है.

बंदूक से मिसाइल तक

कभी रूसी सेना में काम कर चुका बूट 1990 के दशक में अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, लीबिया और अफ्रीकी देशों अंगोला, सूडान और लीबिया में खूब घूमा और बताया जाता है कि इन जगहों पर उसने जम कर हथियार बेचे. हालांकि खुद बूट अल कायदा को हथियार बेचने की बात से इनकार करता है. भारी भरकम राइफलों के अलावा वह जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइलों का भी सौदा करता रहा है.

Russischer Russland Waffenhändler Viktor Bout in Bangkok
तस्वीर: APImages

इन संगीन आरोपों के बाद बूट को मृत्युदंड मिल सकता था. लेकिन जज शीरा शीन्डलिन ने कहा कि सरकारी पक्ष इसके लिए पर्याप्त सबूत नहीं दे पाया. उनके मुताबिक स्टिंग ऑपरेशन में अमेरिकी अधिकारियों ने उसे अपराध के लिए उकसाया फिर भी यह बात साबित नहीं होती है कि क्या वह अपने वादे को पूरा करते हुए उन्हें मौत के हथियार सप्लाई करता, "स्टिंग ऑपरेशन से यह बात साबित नहीं हो पाती है कि वह अपराध करता भी." बूट ने फार्क विद्रोही बने अमेरिकी अधिकारियों को 100 मिसाइल और 500 से ज्यादा एके 47 राइफल बेचने की रजामंदी दे दी थी.

अमेरिका का तर्क है कि बूट ने अमेरिकी नागरिकों की हत्या की कोशिश की, जिसकी वजह से उस पर अमेरिका में मुकदमा चला. कायदे से अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए हॉलैंड की द हेग अदालत में केस चलना चाहिए. रूस ने पूरी अदालती कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. रूस सरकार ने अमेरिका से कहा है कि बूट को वापस भेजा जाए.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

संपादनः महेश झा

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