यमन सोमालिया में भी ड्रोन हमले
२२ सितम्बर २०११अमेरिका के दो प्रमुख अखबारों में यह खबर छापी गई है. विकीलीक्स के ताजा खुलासे में खुफिया अमेरिकी केबलों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अमेरिकी वायु सेना अफ्रीकी देश जिबूती से इन दोनों देशों पर निशाना साध रही है.
वॉशिंगटन पोस्ट के अलावा द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है. वॉशिंगटन पोस्ट का कहना है कि अमेरिका का एक अड्डा इथियोपिया में बनाया गया है, जो आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका का बड़ा साथी है. वहां आतंकी संगठन अल शबाब का खासा असर है. इन ड्रोन विमानों से मिसाइल और सैटेलाइट नियंत्रित बमों को दागा जा सकता है. इन ड्रोन हमलों का उद्देश्य अल कायदा को कमजोर करना है.
वॉशिंगटन पोस्ट ने एक उच्च अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा है, "यह इस बात की पुष्टि करता है कि ये दोनों इलाके तेजी से आतंकी गढ़ बनते जा रहे हैं." अमेरिका ने हाल के दिनों में पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा पर लगातार ड्रोन हमले किए हैं. उसका दावा है कि इन हमलों के बाद वहां अल कायदा का प्रभाव बहुत कम हुआ है. हालांकि अमेरिका लगातार इस बात का अंदेशा जताया आया है कि सोमालिया और यमन में शासन ठीक नहीं चल रहा है और वहां अल कायदा के आतंकवादी मजबूत होते जा रहे हैं, जो कभी भी अमेरिका पर हमला कर सकते हैं.
इसी साल जून के महीने में पोस्ट ने रिपोर्ट दी थी कि अमेरिका ने पहली बार वहां शायद ड्रोन हमले किए हैं, जिनमें अल शबाब के दो कमांडर जख्मी हो गए हैं. समझा जाता है कि अल शबाब और अल कायदा में गठजोड़ हो चुका है.
यमन में संदिग्ध आतंकवादियों पर हमला करने के लिए 2010 और 2011 के बीच छह ड्रोन हमले किए गए हैं लेकिन यह संख्या हाल में बढ़ भी गई हो सकती है. यमन में सरकार के खिलाफ आंदोलन और आतंकवादियों का प्रभाव बढ़ा है और अमेरिका का मानना है कि आतंकियों ने अदन की खाड़ी के आस पास के इलाकों पर नियंत्रण कर लिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार