यादगार फिल्मों का सफर, सिने पर्दे से किताबों पर
९ जून २०१०पहला कैटेलॉग तैयार करने के लिए विधु विनोद चोपड़ा की धमाकेदार सफलता अर्जित करने वाली 3 इडियट्स को चुना गया है. मुंबई में विधु विनोद चोपड़ा ने इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया, "मैं यह डिवीजन मुनाफा कमाने के लिए शुरू नहीं कर रहा हूं. मैं इसे एक संग्रह के तौर पर देख रहा हूं. फिल्मकार या फिर फिल्मलाइन के लोगों को ही अपनी फिल्मों से जुड़ी बातों के बारे में पूरी जानकारी होती है. मैं सभी बातों को दस्तावेज के रूप में इकठ्ठा करना चाहता हूं. किताबों के रूप में ये दस्तावेज छात्रों और सिनेमा प्रशंसकों के लिए उपलब्ध होंगे."
इस डिवीजन का काम विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी अनुपमा चोपड़ा की देखरेख में होगा. विधु चोपड़ा के मुताबिक इस डिवीजन के जरिए उनका प्रयास होगा कि स्क्रिप्ट से जुड़ी छोटी छोटी बातों को भी संकलित किया जा सके. जिस किसी फिल्म के लिए किताब तैयार होगी उसमें स्क्रीनप्ले, संपादित और हटाए गए दृश्यों, चरित्रों, फिर से फिल्माए दृश्यों सहित उन सभी बातों का जिक्र होगा जिनसे गुजरने के बाद ही कोई फिल्म पूरी होती है.
3 इडियट्स पर प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद विधु विनोद चोपड़ा की योजना मुन्नाभाई सीरीज की फिल्मों पर काम शुरू करने की है. चोपड़ा के मुताबिक वह मदर इंडिया, गुरू दत्त की फिल्मों सहित कई यादगार फिल्मों पर किताब तैयार करना चाहते हैं. इस संबंध में जरूरी अनुमति लेने की कोशिश भी हो रही है और उम्मीद है कि इस साल के आखिर में किताबें उपलब्ध हो सकेंगी.
प्रोजेक्ट के लिए विशेष टीम चुनी गई है जिसकी जिम्मेदारी किताब में हर जरूरी बात शामिल करने की होगी. "यह टीम फिल्मकारों और फिल्मों से जुड़ी ऐसी तस्वीरों को भी संकलित करने की कोशिश करेगी जो आमतौर पर देखने को नहीं मिलती. साथ ही सेट पर खींची गई तस्वीरें भी देखने को मिल सकेंगी."
3 इडियट्स पर तैयार हुई किताब को स्मृति किरण ने संकलित किया है और उसमें फिल्म के निर्देशक राजकुमार हीरानी का विस्तार से परिचय दिया गया है. पाठकों को यह जानने को मिलेगा कि एक टाइपिस्ट से फिल्म निर्देशक का सफर उन्होंने कैसे तय किया. इस सफर की कई तस्वीरें भी उपलब्ध हैं जो राजकुमार हीरानी की निजी अलबम से ली गई हैं.
महान फिल्मकार गुरू दत्त के बेटे अरुण भी इस समारोह में शामिल हुए और उन्होंने खुशी जाहिर की है कि विधु विनोद चोपड़ा उनके पिता की तीन यादगार फिल्मों पर किताब तैयार करेंगे. ये तीन फिल्में चौदहवीं का चांद, साहब बीवी और गुलाम और कागज के फूल हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा