यूएन और अमेरिका ने राष्ट्रपति असद पर दबाव बढ़ाया
११ जून २०११संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि राष्ट्रपति असद महासचिव बान की मून का टेलीफोन नहीं उठा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने असद को कई बार फोन किया है लेकिन वे फोन तक नहीं आ रहे हैं. नेसिर्की ने कहा, "महासचिव असद से बात करना चाहते हैं. उन्होंने कई बार फोन करने की कोशिश की है लेकिन राष्ट्रपति उपलब्ध नहीं थे." शुक्रवार को एक नोट जारी कर बान की मून ने सीरिया में जारी हिंसा और लोगों पर उसके असर पर गहरी चिंता व्यक्त की है और सरकार से सीरिया की जनता के अधिकारों का सम्मान करने को कहा है.
उधर शुक्रवार को हेलिकॉप्टरों से लैस सीरियाई सेना ने देश के पश्चिमोत्तर में जिस्र अल शुगुर शहर में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. सुरक्षा बलों की कार्रवाई में देश भर में 25 लोगों के मारे जाने की खबर है जिनमें 11 पश्चिमोत्तर में मारे गए हैं. विपक्षी कार्यकर्ताओं ने कहा है कि मारेत अल नुमान शहर में भी पुलिस ने भीड़ पर गोली चलाई जिसमें 11 लोग मारे गए. लंदन स्थित सीरियाई मानवाधिकार संस्था के रमी अब्देल रहमान ने कहा है कि मारेत अल नुमान के ऊपर से उड़ने वाले हेलिकॉप्टरों ने शहर के पुलिस स्टेशन पर गोलीबारी की जिस पर विपक्षी कार्यकर्ताओं ने कब्जा कर लिया था.
सरकारी टेलीविजन ने कहा है कि हथियारबंद लोगों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं जिसमें पुलिसकर्मी मारे गए. सरकारी टेलीविजन ने कहा है कि जिस्र अल शुगुर में कार्रवाई निवासियों के आग्रह पर हथियारबंद गैंग से निबटने के लिए की गई. इसके बाद हथियारबंद गुटों के तत्वों को गिरफ्तार करने की बात कही गई है. सरकार ने सोमवार को जिस्र अल शुगुर में हथियारबंद गुटों द्वारा 120 सुरक्षाकर्मियों को मारे जाने की बात कही थी और उसके बाद सेना को तैनात कर दिया था. विपक्षी कार्यकर्ताओं का कहना है कि शहर खाली पड़ा है और 50 हजार से अधिक निवासी भाग गए हैं.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने राष्ट्रपति असद की सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है. अमेरिका ने फिर से सीरिया सरकार की निंदा की है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा, "अमेरिका देश भर में, खासकर पश्चिमोत्तर में बल प्रयोग के लिए सीरिया सरकार की कड़ी निंदा करता है." उन्होंने कहा कि बर्बरता और हिंसा का तुरंत अंत होना चाहिए. असद के व्यक्तिगत दोस्त कहे जाने वाले तुर्की के प्रधानमंत्री तय्यप एरदोआन ने अब तक की सबसे कड़ी प्रतिक्रिया में कहा, "दुर्भाग्य से वे मानवीय व्यवहार नहीं कर रहे." उन्होंने कहा कि सरकार की कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है और निश्चित तौर पर उसका परिणाम सुरक्षा परिषद का हस्तक्षेप होगा.
सुरक्षा परिषद के राजनयिकों ने शुक्रवार को यूरोपीय देशों द्वारा पेश प्रस्ताव पर फिर से बातचीत की है, जिसमें प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सीरिया की कार्रवाई की निंदा की गई है. लेकिन वे प्रस्ताव पर सहमत नहीं हो सके. राष्ट्रपति असद के खिलाफ तीन महीने से चल रहे आंदोलन में 1,200 लोग मारे गए हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ओ सिंह