यूक्रेन में यानुकोविच की जीत
८ फ़रवरी २०१०चुनाव आयोग ने सोमवार को कीएव में 90 प्रतिशत मतों की गणना के बाद आंकड़ों की घोषणा की जिसके अनुसार दोनों उम्मीदवारों का अंतर गिर कर 3 प्रतिशत से कम रह गया है. 4.5 प्रतिशत मतदाताओं ने दोनों उम्मीदवारों को वोट नहीं दिया है.
2004 में नारंगी क्रांति की हीरोइन रही प्रधानमंत्री टिमोशेंको ने पांच साल पहले की तरह इस बार भी यानुकोविच पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और कहा है, "हम हर वोट के लिए लड़ेंगे." उम्मीद की जा रही है कि हार का अंतर कम होने पर टिमोशेंको चुनाव परिणामों को चुनौती देंगी.
नाटो विरोधी यानुकोविच में पांच साल पहले भी जीत की घोषणा की थी. उस समय रूस सरकार ने खुले आम उनका समर्थन किया था. लेकिन चुनावी धांधली के बाद हुए जन प्रदर्शन के बाद दुहराए गए चुनाव में वे राष्ट्रपति विक्टोर युशेंको से हार गए थे.
राष्ट्रपति विक्टोर युशेंको इस बार भी चुनाव लड़े लेकिन कट्टर रूस विरोध और सुधार के वायदों को पूरा नहीं कर पाने के कारण पहले चरण में पर्याप्त समर्थन नहीं जुटा पाए. दूसरे चरण का चुनाव सर्वाधिक मत पाने वाले दो उम्मीदवारों यानुकोविच और टिमोशेंको के बीच हुआ.
इस बीच पश्चिमी देशों के विशेषज्ञ भी मानने लगे हैं कि यानुकोविच देश को आर्थिक संकट से उबार सकते हैं. पूर्व सोवियत गणतंत्र में हुए चुनाव को निष्पक्ष माना जा रहा है. यूरोप परिषद और यूरोपीय संसद के चुनाव पर्यवेक्षकों ने कहा है कि उन्हें किसी धांधली की सूचना नहीं है. यूरोप परिषद के मात्यास इओरसी ने कहा है, "हमें सौ फ़ीसदी भरोसा है कि चुनाव नियमानुसार हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय और उससे भी महत्वपूर्ण है, यूक्रेनी जनमत इस परिणाम को स्वीकार कर सकता है."
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा मोंढे