यूक्रेन यूरेनियम भंडार नष्ट करने पर राज़ी
१२ अप्रैल २०१०व्हाइट हाउस का कहना है कि साल 2012 तक यूक्रेन उच्च संवर्धित यूरेनियम को नष्ट कर देगा जिससे बड़ी संख्या में परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं. अमेरिका ने यूक्रेन के इस फ़ैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अमेरिका इसके लिए पिछले 10 साल से प्रयासों में जुटा था. परमाणु सुरक्षा के मुद्दे पर वॉशिंगटन में शिखर वार्ता चल रही है जिसमें 47 देश हिस्सा ले रहे हैं.
शिखर बैठक में हिस्सा ले रहे देश चिंतित हैं कि परमाणु हथियार आतंकवादियों के हाथों में पड़ सकते हैं. इसी संभावना को रोकने के लिए वे प्रयासों का हिस्सा बने हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीन के राष्ट्रपति हू जिनताओ परमाणु मुद्दे पर ईरान पर दबाव बढ़ाने के लिए राज़ी हो गए हैं. एक अमेरिकी अधिकारी ने रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी को बताया है कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन और अमेरिका मिल कर काम करने पर सहमत हो गए हैं.
इससे पहले बैठक की पूर्वसंध्या पर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अगर अल क़ायदा या कोई और आतंकवादी संगठन परमाणु सामग्री हासिल करने में सफल हो जाता है तो उसके अमेरिका और दुनिया भर के लिए परिणाम तबाही मचाने वाले होंगे. ओबामा के मुताबिक़ न्यू यॉर्क, लंदन या जोहानेसबर्ग में किसी परमाणु हथियार के विस्फोट के विध्वंसकारी आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षात्मक परिणाम होंगे.
ईरान, सीरिया और उत्तर कोरिया को शिखर-बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है.
65 वर्षों में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की मेज़बानी में होने वाली विश्व नेताओं की यह सबसे विशाल बैठक है. हालांकि दो दिन की इस शिखर बैठक से किन्हीं व्यापक या बड़ी नई रणनीतियों के उभरने की उम्मीद नहीं की रही है.
ओबामा ने कहा है कि उनके विचार में परमाणु हथियारों को आतंकवादियों के हाथों में पड़ने से बचाने के मुद्दे पर भारी प्रगति की जा सकती है. राष्ट्रपति ने कहा कि उसके बाद यह मुद्दा उस व्यापक तवज्जो का हिस्सा बन सकता है जिस पर पिछले कुछ सप्ताहों से काम किया जा रहा है.
ओबामा का संकेत उन प्रयासों की ओर था जो वह दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में अंजाम देते रहे हैं. पिछले सप्ताह ही अमेरिका ने अपनी नई परमाणु रणनीति की घोषणा की है और उसके बाद ओबामा ने रूस के साथ एक नई परमाणु अस्त्र कटौती समझौते पर हस्ताक्षर किए.
रिपोर्ट: गुलशन मधुर, वॉशिंगटन
संपादन: एस गौड़