यूपीए सरकार से हटी डीएमके
५ मार्च २०११शुक्रवार रात तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने कांग्रेस पर बेतुकी मांग करने का आरोप लगाया था. दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ता देख रिश्ते टूटने की आशंका जताई जा रही थी और अब डीएमके पार्टी की उच्च स्तरीय समिति ने बैठक कर यूपीए सरकार से हटने का फैसला किया. हालांकि डीएमके सरकार को मुद्दा आधारित समर्थन देती रहेगी.
तमिलनाडु में विधानसभा चुनावों से पहले सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस और डीएमके मतभेद था. कांग्रेस 63 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जबकि डीएमके उसे 60 सीट देने के लिए राजी है लेकिन कांग्रेस 63 से कम पर नहीं मान रही है. डीएमके के मुताबिक कांग्रेस का रुख पार्टियों के आपसी रिश्तों के लिए ठीक नहीं है.
"हमें लगता है कि यूपीए सरकार से बाहर निकालने के लिए कांग्रेस हमें मजबूर करने के लिए ऐसा कर रही है. इन हालात में हमें सोचना है कि सरकार में रहें या बाहर जाएं. इसलिए हमने सरकार से बाहर निकलने का फैसला किया है."
डीएमके ने साफ कर दिया है कि कैबिनेट से उसके 6 मंत्रियों को हटाने के बावजूद पार्टी मुश्किल समय में मनमोहन सिंह सरकार को मुद्दा आधारित समर्थन देती रहेगी. 18 सांसदों के साथ डीएमके यूपीए सरकार में दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी रही है. यूपीए में शामिल दलों में तृणमूल कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 19 सीटें हैं. वैसे कांग्रेस और डीएमके के बीच रिश्तों में तभी से खटास चल रही है जब से 2जी स्पेक्ट्रम मामले में ए राजा पर कानून का शिकंजा कसा है.
13 अप्रैल को तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन उससे एक महीने पहले ही सात साल से चले आ रहे गठबंधन में दरार पड़ गई है. विधानसभा चुनावों में जयललिता की एआईएडीएमके पार्टी से कांग्रेस और डीएमके को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है. जयललिता ने अभिनेता विजयकांत की डीएमडीके और अन्य वामदलों के साथ गठबंधन किया है.
2004 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन ने सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की और फिर 2009 में 28 सीटों पर बाजी मारी. 2006 के विधानसभा चुनावों में भी गठबंधन विजयी रहा, लेकिन इस साल तस्वीर बदल सकती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल