यूपी में ड्रामाः राहुल गिरफ्तार और रिहा
१२ मई २०११राहुल गांधी करीब दो घंटे तक पुलिस की हिरासत में रहे. बाद में उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया. बुधवार देर रात वह दिल्ली लौट गए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, फिरोजाबाद से कांग्रेस सांसद राज बब्बर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी समेत दर्जनों दूसरे नेता भी गिरफ्तार किये गये. इन गिरफ्तारियों के साथ ही भट्टा परसौल समेत आस पास के सभी गांवों में फिर से धारा 144 लगा दी गई है. राहुल बुधवार सुबह से किसानों की मांगों के समर्थन में धरने पर बैठे थे. राहुल गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार को पूरे उत्तर प्रदेश में चक्का जाम करने का एलान किया है.
उलझन में रही पुलिस
बुधवार की आधी रात तक अफरा तफरी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प के बीच राहुल गांधी को करीब दो घंटे तक ग्रेटर नोएडा के पारी चौक से लेकर कासना कोतवाली के बीच घुमाया जाता रहा. पुलिस की कोशिश थी कि उन्हें दिल्ली की सीमा पर छोड़ दिया जाए लेकिन राहुल ने दिल्ली की तरफ जाने से इनकार कर दिया. वह इस बात पर अड़ गए कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया है तो गिरफ्तारी के कागज़ उन्हें दिए जाएं. लेकिन पुलिस ने उन्हें कोई कागजात नहीं दिए. पुलिस के इस रवैये से नाराज़ राहुल गांधी नोएडा के बेहता थाने के बाहर धरने पर बैठ गए. राहुल का कहना है कि उन्होंने कोई शांति भंग नहीं की है. उनकी गिरफ्तारी अवैध है.
राहुल गांधी को गिरफ्तार किए जाने के आदेश बुधवार देर रात लखनऊ से जारी किए गए. गांधी ने गिरफ्तारी से पहले कहा कि हम जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे. उन्हें एसपीजी की सुरक्षा के आलावा यूपी पुलिस की कड़ी सुरक्षा में ले जाया गया.
माया का पलटवार
यूपी सरकार के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने देर रात लखनऊ में एक प्रेस कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री मायावती की ओर से कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून केंद्र सरकार का है और सभी जमीनों का अधिग्रहण उसी कानून के तहत होता है. सिंह ने कहा, “अगर केंद्र सरकार के लोग भूमि अधिग्रहण कानून में कोई बदलाव चाहते हैं तो उन्हें किस ने रोका है? भट्टा परसौल गांव में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है. किसी किसान ने कोई शिकायत नहीं की है.”
कैबिनेट सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मायावती का मानना है कि किसानों को अपनी राजनीति चमकाने के लिए उकसाया जा रहा है. उन्होंने पूछा कि किसानों की गोलियों से दो पुलिसकर्मी मारे गए. नोएडा के जिलाधिकारी घायल हुए. तीन परिवहनकर्मियों को बंधक बना लिया गया, तब ये विपक्षी दल कहां थे? सिंह ने कहा कि जिस मानवीर सिंह तेवतिया को किसान नेता कहा जा रहा है उस पर 23 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. गौरतलब है कि इसी किसान नेता पर यूपी सरकार ने 50 हज़ार का इनाम घोषित कर दिया है.
किसानों के नाम पर
शनिवार को किसानों के भूमि के मुआवजे की मांग में चल रहे आन्दोलन में उस समय उबाल आ गया था जब फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों की मौत हो गई थी. कहा जा रहा है कि हिंसा के बाद से कई नौजवान लापता हैं.
सुबह राहुल के धरने पर बैठने के बाद से बुधवार को पूरे दिन भट्टा परसौल गांव की तरफ जाने वाले हर रस्ते पर कांग्रेस नेताओं की गाड़ियां दौड़ती रहीं. नोएडा के लगभग हर रस्ते पर जाम लगा रहा. पूरे नोएडा में या तो मीडिया कि गाड़ियां दौड़ रही थीं या फिर कांग्रेस का झंडा लगी गाड़ियां. भट्टा परसौल गांव के चारों तरफ पीपली लाइव फिल्म का सा समां नज़र आता रहा.
शायद यही वजह थी कि लखनऊ में मायावती की सरकार ने पहले इस मामले को हल्के में लिया. कृषि मंत्री लक्ष्मी नारायण ने राहुल का मजाक उड़ाते हुए कहा कि राहुल को तो गन्ने और सरकंडे में फर्क तक नहीं पता है, वह किसानों के बारे में क्या बात करेंगे. उन्होंने कहा कि नोएडा में राहुल नौटंकी कर रहे हैं. लेकिन रात के गहराने के साथ ही मायावती सरकार को आखिरकार सक्रिय होना पड़ा और राहुल को गिरफ्तार करने का आदेश जारी करना पड़ा.
बीजेपी-सपा ने निंदा की
बीजेपी नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि यह वही राहुल हैं जो पिछले साल अलीगढ़ में किसानों के आन्दोलन में शामिल होने गए थे और वायदा किया था कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन का प्रस्ताव संसद में पेश किया जाएगा. बाद में इन किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए राहुल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मिले थे और भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग कि थी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
सपा महासचिव मोहन सिंह ने कहा कि राहुल जिस पार्टी के हैं उसकी केंद्र में सरकार है तो वह क्यों नहीं भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन कर रही है. बीजेपी ने इस पूरे घटनाक्रम को बीएसपी और कांग्रेस की फिक्सिंग बताया है.
रिपोर्टः लखनऊ से सुहेल वहीद
संपादनः वी कुमार