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यूरोप के मुसलमान दूसरे धर्मों से हेलमेल चाहते हैं

२१ सितम्बर २०१७

यूरोपीय संघ के 15 देशों में मुसलमानों पर किये सर्वे से पता चलता है कि ज्यादातर लोग गैरमुस्लिमों से हेलमेल चाहते हैं लेकिन अकसर जिन जगहों पर वे रहते हैं वहां की बहुसंख्यक आबादी उन्हें अस्वीकार कर देती है.

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Frau im Niqab neben ihrem Mann mit einem Regenschirm in Paris
तस्वीर: Getty Images/S.de Sakutin

गुरुवार को यूरोपियन यूनियन एजेंसी फॉर फंडामेंटल राइट्स ने एक सर्वे का नतीजा जारी किया. सर्वे के लिए 10,527 मुसलमान आप्रवासियों और उनके बच्चों से अक्टूबर 2015 से जुलाई 2016 के बीच बातचीत की गयी थी. इन लोगों में 10 में से 9 ने बताया कि उनके गैरमुस्लिम दोस्त हैं और 92 फीसदी ने कहा कि वे दूसरे धर्म वाले पड़ोसियों के बीच भी रहने में भी सहज महसूस करते हैं.

Türken in der EU
तस्वीर: AP

हालांकि इनमें आधे से कुछ ज्यादा यानी करीब 53 फीसदी लोगों का कहना था कि जब वे अपने लिए घर ढूंढने जाते हैं तो उन्हें उनके नाम की वजह से दिक्कत होती है. रोजगार के मामले में 35 फीसदी महिलाओं का कहना था कि उन्हें अपने पहनावे के कारण भेदभाव सहना पड़ता है. पुरुषों में सिर्फ चार फीसदी लोगों ने यह शिकायत की. 

सर्वे के लिए जिन लोगों से बात की गयी उनकी उनकी उम्र 16 साल से ज्यादा थी और वे ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, जर्मनी, डेनमार्क, ग्रीस, स्पेन, फिनलैंड, फ्रांस, इटली, माल्टा, नीदरलैंड्स, स्वीडन, स्लोवेनिया और यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं. इस सर्वे से कुछ और बातों का भी पता चला है.

Bulgarien Markt mit Obststand
तस्वीर: Getty Images/S. Gallup

सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा लोगों ने कहा कि अंतरधार्मिक विवाह पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. 48 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर उनके परिवार का कोई सदस्य गैरमुस्लिम से शादी करता है तो उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं होगी. हालांकि 17 फीसदी लोगों ने इस स्थिति को खुद के लिए असहज माना. सर्वे के नतीजों की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करने वालों का कहना है कि इसकी तुलना में 30 फीसदी गैरमुस्लिमों ने कहा था कि उनके बच्चे अगर किसी मुस्लिम से रोमांस करें तो उनके लिए यह असहज स्थिति होगी. 

Weihnachten Türkei
तस्वीर: picture-alliance/dpa/dpaweb

इन परिस्थितियों में अकसर दूसरे धर्मों के लोगों से जुड़ने वालों को परिवार से बाहर कर दिया जाता है और कई बार प्रताड़ना भी मिलती है. सर्वे के लिए इंटरव्यू के दौरान 27 फीसदी लोगों ने कहा कि मुस्लिम होने के कारण पिछले 12 महीनों में उन्हें दुर्व्यवहार झेलना पड़ा है. दो फीसदी लोगों ने का यह भी कहना था कि उनके साथ मारपीट की गयी.

सिर ढंकने वाली या फिर नकाब पहने वाली महिलाओं में 31 फीसदी ने अपने साथ दुर्व्यवहार होने की बात कही. इसके अलावा घूरने और अनुचित तरीके से छूने जैसी हरकतों की शिकायत 39 फीसदी महिलाओँ ने की. 22 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन पर छींटकशी की गयी और 2 फीसदी महिलाओं पर शारीरिक हमला हुआ. जिन महिलाओं ने सिर या चेहरे को ढंका नहीं था उनमें 23 फीसदी ने दुर्व्यवहार का सामना किया.

सर्वे में शामिल लोग या तो खुद या उनके मां बाप में कम से कम कोई एक तुर्की, उत्तर अफ्रीका, अफ्रीका, दक्षिण एशिया और एशिया का था.

एनआर/एके (एपी)