यौन पर्यटन के मामले में घिरे फ्रांस के मंत्री
९ अक्टूबर २००९मितेरां ने अपनी किताब "द बैड लाइफ़" में थाइलैंड में लड़को को पैसा देकर उनके साथ यौन संबंधों का ज़िक्र किया. ये किताब 2005 में बाज़ार में आई. लेकिन तब इस पर इतना हंगामा नहीं जितना कि अब हो रहा है, चार साल बाद.
दरअसल फ्रांस के कई लोगो मितेंरा से इस बात पर नाराज़ है कि वह मशहूर फ़िल्म निर्देशक रोमन पोलांस्की की गिरफ़्तारी को लेकर ग़ैरज़रुरी विरोधी रुख़ अपना रहे हैं. मितेरां ने जबरन यौन संबंध बनाए जाने के मामले में फंसे पोलांस्की का समर्थन करते हुए अमेरिकी सरकार के खिलाफ विरोध जताया था.
लेकिन गुरुवार को एक इंटरव्यू में मितेरां ने कहा कि उनकी किताब पूरी तरह उनके जीवन पर आधारित नहीं है. उन्होंने कहा कि, "मैं यौन पर्यटन की निंदा करता हूं, मैं बाल यौन शोषण की निंदा करता हूं, जो मैंने कभी नहीं किया है." हालांकि थाइलैंड में अपने अनुभवों के बारे में उन्होंने साफ साफ जवाब नहीं दिए. उनके मुताबिक, " एक गलती हुई थी, हां, ज़रूर लेकिन अपराध नहीं...क्योंकि हर बार मैं उन्हीं लोगों के साथ था जो मेरी उम्र के थे और जिन्होंने अपनी मंज़ूरी दी थी. मैं किसी भी तरह यौन पर्यटन की सफाई नहीं दे रहा था."
पूरी किताब में उन्होंने अपने साथ यौन संबंधों में शामिल लोगों को 'लड़का' कहा है. मितेरां ने कहा है कि उनको लड़को को यौन संबंधों के लिए पैसे देने की आदत पड़ गई थी. उनका कहना है ,"कई आकर्षक लड़के एकदम से मिल रहे थे कि मैं ख़ुद पर काबू नहीं रख सका."
इस बीच फ़्रांस की लगभग सारी राजनीतिक पार्टियों ने पोलांस्की कांड को लेकर मितेरां के बयान की निंदा की है. हालांकि इंटरव्यू के दौरान मितेरां ने कहा कि फ़्रांसीसी राष्ट्रपति सार्कोज़ी उनके साथ हैं. लेकिन मितेरां की किताब ने फ़्रांसीसी सरकार में भी दरारें पैदा कर दी हैं. श्रम मंत्री सावियेर दार्को ने कहा है कि मितेरां को अपने हरकत की सफाई देनी होगी लेकिन सार्कोज़ी के सलाहकार हनरी गुआईनो ने मितेरां की तरफदारी करते हुए कहा है कि इतने सालों बाद यह विवाद कुछ ठीक नहीं है. उधर दार्को का कहना है कि मितेरां की निंदा उनके निजी हरकतों की वजह से की जा रही है.
फ्रेदरीक मितेरां फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रांस्वा मितेरां के भतीजे हैं और वर्तमान राष्ट्रपति सारकोज़ी ने उन्हें जून में अपने मंत्रीमंडल में शामिल किया था. पूर्व राष्ट्रपति मितेरां का नाम अब भी लोकप्रिय है और फ़्रांस की सरकार का कहना है कि सांस्कृतिक मंत्री मितेरां की इज़्ज़त उनके काम की वजह से की जाती है और इस बयान से उस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला.
दरअसल फ़्रांस विश्व में थाइलैंड और कंबोडिया जैसे देशो में चल रहे यौन पर्यटन के खिलाफ मुहिम की अगुवाई करना चाहता है. लेकिन मितेरां की किताब और पोलांस्की की तरफदारी फ़्रांस की नैतिकता की छवि से मेल नहीं खा रहे हैं. यही बातें लोगों की नाराज़गी का मुख्य मुद्दा हैं.
रिपोर्ट- एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन
संपादन- ओ सिंह