रणदीव निलंबित, दिलशान की फीस गई
१८ अगस्त २०१०सोमवार को दाम्बुला में तीन देशों वाली एकदिवसीय श्रृंखला के मैच में रणदीव ने भारत के तूफानी ओपनिंग बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के शतक को रोकने के लिए जानबूझकर नो बॉल डाली. भारत को जीत के लिए और सहवाग को शतक के लिए एक रन की जरूरत थी. रणदीव की गेंद पर सहवाग ने छक्का जड़ा लेकिन नो बॉल होने की वजह से भारत जीत गया और छक्के को मंजूरी नहीं मिली.
श्रीलंका क्रिकेट ने इस कांड में तिलकरत्ने दिलशान को भी सजा दी है और रणदीव को नो बॉल फेंकने के लिए बढ़ावा देने के लिए मैच फीस का जुर्माना किया गया है. श्रीलंकाई क्रिकेट अधिकारियों ने कप्तान कुमार संगकारा को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर न हो और टीम पर उनका पूरा नियंत्रण रहे.
श्रीलंका क्रिकेट के सचिव निशांत रणतुंगा ने इस फैसले की घोषणा के बाद कहा कि फैसला क्रिकेट के सर्वोत्तम हित में लिया गया है. रणदीव और दिलशान को सजा देने का फैसला टीम मैनेजर अनुरा टेनेकून की रिपोर्ट और उपलब्ध ऑडियो तथा वीडियो रिपोर्ट के आधार पर लिया गया.
रणतुंगा ने कहा कि कवर पर फील्ड कर रहे दिलशान को रणदीव को नो बॉल करने और सहवाग को शतक से वंचित रखने को कहते हुए सुना गया. रणतुंगा ने कहा, "मैनेजर की रिपोर्ट में दिलशान ने स्वीकार किया है कि उसने रणदीव को नो बॉल करने की हिदायत दी."
वीरेंद्र सहवाग और तिलकरत्ने दिलशान इंडियन प्रीमियर लीग में एक ही टीम डेल्ही डेयरडेविल्स के लिए खेलते हैं.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/महेश झा
संपादन: आभा एम