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रणदीव ने सहवाग से माफी मांगी

१७ अगस्त २०१०

टीम इंडिया के ओपनर वीरेंद्र सहवाग को सेंचुरी से महरूम रखने वाले श्रीलंकाई गेंदबाज सूरज रणदीव से उनसे माफी मांगी. सोमवार को वनडे मैच में रणदीव की नो बॉल के कारण सहवाग एक रन से शतक से चूक गए. श्रीलंकाई बोर्ड भी शर्मसार.

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शतक से चूक गएतस्वीर: AP

श्रीलंका क्रिकेट के सचिव निशांत रणतुंगा ने टीम इंडिया के मैनेजर रणजीब बिस्वाल से सोमवार की घटना के लिए माफी मांगी. खुद रांदीव को भी अपने किए पर अफसोस है और उन्होंने माफी मांगी है. सहवाग ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा है, "रणदीव मेरे कमरे में आए और माफी मांगी."

तीन देशों की वनडे सीरीज के तहत भारत और श्रीलंका के बीच हुए मैच में सहवाग अपने 13वें वनडे शतक से सिर्फ एक रन दूर थे. उसी समय श्रीलंकाई गेंदबाज सूरज रणदीव ने नो बॉल डाली, जिस पर सहवाग ने छक्का जड़ा. टीम इंडिया तो जीत गई लेकिन सहवाग शतक से चूक गए.

मैच के बाद हुए संवाददाता सम्मेलन में सहवाग ने रणदीव की इस हरकत की आलोचना की. इस विवाद को रोकने के लिए रणतुंगा ने भारतीय टीम के मैनेजर को फोन करके माफी मांगी.

बिस्वाल ने कहा, "आज सुबह रणतुंगा ने मुझे खुद फोन किया और बोर्ड की तरफ से सहवाग के मामले पर माफी मांगी. उन्होंने कहा कि यह खेल भावना के अनुकूल नहीं था. हमारे भारत से साथ संबंध अच्छे हैं और कल की घटना के लिए हम माफी मांगते हैं. चूंकि सचिव ने खुद हमें फोन किया, इसलिए हम इस मामले को खत्म हुआ मान रहे हैं."

श्रीलंका क्रिकेट के सचिव रणतुंगा ने कहा कि वह आगे की कार्रवाई करने से पहले टीम मैनेजर की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. उनके मुताबिक, "हमने उनसे कहा कि वह घटना की जांच करें. एक बार रिपोर्ट मिल जाए, फिर हम सभी जरूरी कार्रवाई करेंगे. हम इस घटना से दुखी हैं. चूंकि खेल भावना से खेलने के लिए श्रीलंका की टीम ने तीन बार आईसीसी का पुरस्कार जीता है, इसलिए इस तरह की हरकतें सहन नहीं की जाएंगी."

सोमवार को हुआ वनडे मैच भारत ने छह विकेट से जीत लिया था लेकिन इस घटना के कारण टीम दुखी थी. मैच के बाद सहवाग ने कहा कि इस तरह का काम पहले भी श्रीलंका ने किया है, जब कटक में उन्होंने सचिन तेंदुलकर को 99 रनों पर अटका दिया.

सहवाग ने कहा, "पूरे मैच में रणदीव ने एक भी नो बॉल नहीं डाली, फिर इसी मौके पर नो बॉल कैसे हुई. साफ है कि श्रीलंका की टीम नहीं चाहती थी कि मेरे 100 रन पूरे हों."

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार