राजनीति में निर्विकल्प जूरी के फैसले में विजयी
१८ जनवरी २०११हर साल मीडिया या राजनीतिक बहस में ऐसे शब्द उभरते हैं, जिनमें मानवीयता का अभाव दिखता है, या उसे एक विकृत अर्थ में समझा जाता है. जर्मनी में ऐसे शब्दों में से वर्ष का नकारात्मक शब्द चुनने की परम्परा है, जो पिछले 20 सालों से चली आ रही है. आल्टरनाटिवलोस या निर्विकल्प शब्द का इस्तेमाल पिछले साल इस आशय से किया गया कि इस या उस सरकारी फैसले का कोई विकल्प है ही नहीं, और इसलिए उसकी खोज की कोई ज़रूरत नहीं है, उस पर बहस की भी कोई जरूरत नहीं है.
इस वर्ष कुल मिलाकर 624 प्रविष्टियों में से वर्ष का नकारात्मक शब्द चुना गया. इसे चुनने के लिए चार सदस्यों की एक जूरी है, जिनमें दो भाषाशास्त्रियों के अलावा इस वर्ष हेस्से रेडियो की पत्रकार रुथ फुएहनर और साहित्य के आलोचक हेलमुथ कारासेक को शामिल किया गया था. उनका कहना है कि नकारात्मक शब्द के चयन के लिए तीन आधार बनाए गए थे. ऐसे शब्द, जो सार्वजनिक बहस में एक नकारात्मक भावना पैदा करते हों, जिनका प्रयोग गलत अर्थ में किया गया हो, या जो मानवीय मर्यादा का उल्लंघन करते हों.
इस साल नकारात्मक शब्दों की तालिका में "समन्वय के अनिच्छुक" शब्द को रखा गया. देश के गृहमंत्री थोमास दे मेज़ियर ने ऐसे आप्रवासियों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था, जो जर्मन समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं होना चाहते हैं. जूरी की राय में इस शब्द के प्रयोग के जरिये ऐसी धारणा तैयार करने की कोशिश की गई कि अगर आप्रवासी समाज में अलगथलग हैं, तो इसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं. तीसरे स्थान पर "इस लम्हे की बकवास" शब्द को रखा गया. बच्चों के साथ यौन दुराचार पर छिपी बहस पर अपनी टिप्पणी में कार्डिनलों की समिति के प्रधान आंगेलो सोडानो ने इस शब्द का इस्तेमाल किया था.
रिपोर्टः एजेंसियां/ उ भट्टाचार्य
संपादनः एन रंजन