रूसी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थे ट्रंप के सहयोगी
१५ फ़रवरी २०१७फोन रिकॉर्ड और इंटरसेप्टेड कॉल्स दिखाती हैं कि ट्रंप के चुनाव अभियान से जुड़े लोगों ने कई बार रूसी खुफिया एजेंसी से संपर्क किया. अखबार ने चार वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया है. न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को कॉल इंटरसेप्टिंग के दौरान इस बात के सबूत मिले कि रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था. डेमोक्रैटिक नेशनल कमेटी की हैंकिंग के बाद तो यह पूरी तरह साफ हो गया. हैकिंग कांड के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस बात की जांच करनी शुरू की कि क्या ट्रंप का अभियान रूस के साथ मिलकर हैकिंग या अन्य कदमों से चुनाव को प्रभावित कर रहा है. हाल के समय में कुछ अधिकारियों ने इस बारे में इंटरव्यू दिये. अब तक वे कहते आ रहे हैं कि उन्हें ऐसी साठगांठ के सबूत नहीं मिले हैं.
लेकिन पकड़ी गई कॉल्स से अमेरिकी खुफिया विभाग असहज तो हो ही चुका है. एक तरफ रूस से संपर्क हो रहा था तो दूसरी तरफ ट्रंप चुनाव प्रचार के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफों के पुल बांध रहे थे. 2016 में चुनाव अभियान के दौरान एक बार तो ट्रंप यह तक कह गये कि उन्हें उम्मीद है कि रूसी खुफिया एजेंसी हिलेरी क्लिंटन के ईमेल में सेंध लगाएगी और उन्हें सार्वजनिक करेगी.
अधिकारियों के मुताबिक इंटरसेप्ट की गई बातचीत में सिर्फ ट्रंप के चुनाव अभियान से जुड़े अधिकारी ही नहीं, बल्कि ट्रंप के अन्य सहयोगी भी हैं. अधिकारियों ने सिर्फ एक ही नाम का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रंप के चुनाव अभियान के प्रमुख पॉल मैनाफोर्ट ने भी रूसी अधिकारियों से बातचीत की. रूस की तरफ से बातचीत करने वालों में रूसी सरकार के भी कुछ सदस्य थे. इस मामले की जांच चल रही है. लिहाजा अखबार ने अधिकारियों के नाम नहीं छापे हैं.
मैनाफोर्ट पर फिलहाल कोई मामला नहीं चल रहा है. न्यू यॉर्क टाइम्स से टेलीफोन पर बात करते हुए मैनाफोर्ट ने रूस के साथ बातचीत का खंडन किया. मैनाफोर्ट ने कहा, "मुझे पता नहीं कि किस बारे में बात हो रही है. मैंने जानबूझ कर कभी रूसी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से बात नहीं की और मैं रूसी सरकार या राष्ट्रपति पुतिन के प्रशासन या फिर जिन चीजों की आज जांच हो रही है, उनमे शामिल नहीं हुआ हूं."
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी ऐसे आरोपों को मनगढंत बताया है. एक ट्वीट कर ट्रंप ने कहा कि "असली खबर यहां यह है कि क्यों वॉशिंगटन से बहुत सारी गैरकानूनी लीक जानकारी आ रही है? क्या ये लीक ऐसे वक्त में हो रहे हैं जब मैं उत्तर कोरिया पर डील कर रहा हूं."
ट्रंप अमेरिकी मीडिया के एक बड़े हिस्से को झूठा बताते रहे हैं. उनका दावा है कि मीडिया ने उन्हें चुनाव हराने की बहुत कोशिश की और जीत के बाद भी वह उनके पीछे पड़ा हुआ है. लेकिन जिस तरह घटनाक्रम बदल रहा है, उससे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मंगलवार को रूस से रिश्तों के चलते ट्रंप के चुनाव अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले माइकल फ्लिन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद से इस्तीफा देना पड़ा. फ्लिन ने स्वीकार किया कि उन्होंने रूसी अधिकारियों से साथ हुई बातचीत की अमेरिकी उप राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों को अधूरी जानकारी दी.
(राष्ट्रपति बनते ही क्या बोले ट्रंप)
ओएसजे/एके (एपी, एएफपी, डीपीए)