रूस ने राहत काफिला पूर्वी यूक्रेन भेजा
२२ अगस्त २०१४बिना अनुमति के राहत सामग्रियों से भरे ट्रकों को सीमा के अंदर भेजने के रूसी कदम को यूक्रेन ने सीधा अतिक्रमण बताया है. मॉस्को ने कीव सरकार पर "अपने लक्ष्यों और भूराजनैतिक योजनाओं के लिए लोगों की जिंदगी को दांव पर लगाने" का आरोप लगाया है. रूस ने कई दिनों से सीमा पर अनुमति का इंतजार कर रहे राहत काफिले को शुक्रवार को कीव और रेड क्रॉस की सहमति के बिना यूक्रेनी सीमा में भेज दिया. यूरोपीय सुरक्षा और सहयोग संगठन के अनुसार 280 ट्रकों में करीब 100 ने शुक्रवार को सीमा पार की. उनमें से करीब 70 ट्रकों का निरीक्षण नहीं हुआ है.
रूस के इस फैसले पर मॉस्को में विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम खुले झूठ और सहमत होने से इनकार को अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. रूस ने कदम उठाने का फैसला किया है. हमारा राहत काफिला लुगांस्क की ओर रवाना हो रहा है." रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मॉस्को में कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को काफिले के आगे बढ़ने की जानकारी है.
उधर यूक्रेनी घरेलू खुफिया एजेंसी एसबीयू के प्रमुख वालेंटीन नालीवायचेंको ने राहत ट्रकों के बारे में कहा, "ये रेड क्रॉस के वेष में सैनिक गाड़ियां हैं." कीव सरकार ने रूस पर यूक्रेन की संप्रभुता और "अंतरराष्ट्रीय कानूनों" के हनन का आरोप लगाया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "न तो यूक्रेन और न ही रेड क्रॉस को पता है कि उन ट्रकों में क्या है."
यूक्रेन की सरकार ने पिछले हफ्ते लंबे विवाद के बाद रूसी काफिले को देश के पूर्वी हिस्से की जरूरतमंद आबादी के लिए मानवीय कार्रवाई के रूप में मान्यता दे दी थी. गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल ने एक हफ्ते से सीमा पर इंतजार कर रहे ट्रकों की जांच शुरू की. काफिले को आगे बढ़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस की ओर से हरी झंडी दी जानी थी, लेकिन वह यूक्रेन सरकार और रूस समर्थक अलगाववादियों से यह आश्वासन मांग रही थी कि काफिले पर हमला नहीं किया जाएगा.
यूक्रेन सरकार ने कई बार आशंका व्यक्त की थी कि राहत काफिले के जरिए अलगाववादियों को नए हथियारों की आपूर्ति की जा सकती थी. रेड क्रॉस को सभी गाड़ियों का निरीक्षण और राहत सामग्रियों का बंटवारे में मदद करनी थी. शुक्रवार को रेड क्रॉस ने कहा कि उसके कार्यकर्ता काफिले के साथ नहीं जाएंगे. मॉस्को में रेड क्रॉस की एक प्रवक्ता ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन में सुरक्षा की स्थिति स्थिर नहीं है. रेड क्रॉस कर्मचारियों ने लुहांस्क में रात में भारी लड़ाई की खबर दी थी. कई हफ्तों से शहर का पानी और बिजली संपर्क कटा हुआ है.
यूक्रेन और रूस में नए तनाव के बीच जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल शनिवार को कीव जा रही हैं. राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको के निमंत्रण पर हो रहे दौरे में कीव-मॉस्को के मौजूदा रिश्तों पर विचार होगा. जर्मन सरकार के प्रवक्ता श्टेफेन जाइबर्ट ने शुक्रवार को बर्लिन में कहा कि मैर्केल का दौरा "मुश्किल वक्त में समर्थन का संकेत है." यूक्रेन के विदेश मंत्री पाव्लो क्लिमकिन ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के लिए मार्शल प्लान की तर्ज पर अपने देश के लिए मैर्केल प्लान की बात की है.
जर्मनी में सत्ताधारी सीडीयू पार्टी के विदेशनीति विशेषज्ञ रूपरेष्ट पोलेंस ने कहा है कि रूस का बर्ताव "संकट को कम करने वाला" नहीं है. सरकार में शामिल एसपीडी पार्टी के विदेशनैतिक प्रवक्ता नील्स आनेन ने यूक्रेनी संप्रभुता के फिर से हनन की आलोचना की है जबकि ग्रीन पार्टी के विदेशनीति प्रवक्ता ओमिद नूरीपुर ने कहा कि पुतिन को "लोगों की तकलीफों से मतलब नहीं है, नहीं तो वे अलगाववादियों का समर्थन बंद कर देते."
एमजे/ओएसजे (एएफपी)