रूस ने विजय दिवस पर किया हथियारों का प्रदर्शन
द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के आत्मसमर्पण की 72वीं वर्षगांठ के मौके पर रूसी सैनिकों ने मॉस्को में परंपरागत परेड की. अलग थलग पड़े राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने सेना को साहस और बहादुरी का सबूत बताया.
क्रेमलिन पर परेड
मॉस्को के रेड स्क्वायर पर करीब 10,000 सैनिकों ने मुख्य समारोह में हिस्सा लिया और परेड की. सेंट पीटर्सबर्ग और दूसरे रूसी शहरों में छोटी परेडें निकाली गयीं. परेडों में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस्तेमाल हथियारों की नुमाइश की गयी.
बुजुर्ग आर्मरी
सोवियत संघ का प्रसिद्ध टी 34 टैंक द्वितीय विश्वयुद्ध में रेड आर्मी की मिलिटरी मशीनरी का अहम हिस्सा था. हर साल विजय दिवस के परेड के मौके पर उसे अतिरिक्त सम्मान मिलता है.
थल पर नौसेना
रूस की नौसैनिक इंफेंट्री ने भी विजय दिवस की परेड में हिस्सा लिया. अमेरिका की यूएस मरीन जैसी ये टुकड़ी 18वीं सदी में रूस के जार पीटर द ग्रेट के शासन काल में बनायी गयी थी.
महिला सैनिक
परेड का मुआयना कर रहे अधिकारियों और सेना के जनरलों के सामने से महिला कैडेटों और सैनिकों की टुकड़ी ने भी मार्च किया. सेना में महिलाओं की हिस्सेदारी 2020 तक 90,000 करने का इरादा.
नये टैंक
मंगलवार की परेड में 110 युद्धक गाड़ियां प्रदर्शित की गयीं, जिसमें रूस के प्रमुख टैंक टी72 का आधुनिक संस्करण भी था. टी14 अरमाता और एस400 मिसाइलों का भी प्रदर्शन किया गया.
साहेब की तारीफ
प्रधानमंत्री दिमित्री मेद्वेदेव के साथ परेड में पहुंचे राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अपने भाषण में सेना की तारीफ की. उन्होंने कहा, "रूसी सैनिक हमेशा की तरह साहस और बहादुरी का सबूत हैं."
उत्तरी ध्रुव
रूस ने विजय दिवस समारोह के मौके पर आर्कटिक युद्ध के लिए विकसित हवाई प्रतिरक्षा पद्धति की भी नुमाइश की. इससे पहले इस प्रतिरक्षा सिस्टम को किसी परेड में नहीं दिखाया गया था.
नो फ्लाई जोन
मंगलवार की परेड से पहले प्रैक्टिस करते ये मिग 29 लड़ाकू विमान परेड के दिन हैंगर में ही रहे. विजय दिवस के दिन खराब मौसम के कारण परेड के दौरान एयर शो को रद्द कर दिया गया.
परमाणु युद्ध
रूस के टोपोल सिरीज के आरएस मिसाइल धरती के दूसरे छोर तक परमाणु हमला कर सकते हैं. रूस के पास इस समय अमेरिका के 6,800 के मुकाबले 7,000 परमाणु शीर्ष होने का अंदाजा है.