रेफरल सिस्टम अनिवार्य करने की मांग
२३ अगस्त २०१०संगकारा ने कहा कि भारत को फैसले पर फिर से गौर करने वाली प्रणाली डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) पर राजी होना चाहिए था. रविवार को त्रिकोणीय सीरीज के तहत भारत और श्रीलंका के बीच मैच हुआ जिसमें टीम इंडिया के चार खिलाड़ियों के आउट होने को सवालों के घेरे में रखा जा रहा है.
वीरेन्द्र सहवाग, दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना, युवराज सिंह को गलत आउट दिए जाने की बात है. तीन फैसले स्थानीय अंपायर कुमार धर्मसेना ने दिए थे जबकि युवराज को आउट पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ ने दिया.
संगकारा ने मैच के बाद हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, "टेस्ट सीरीज के भी पहले से हम डीआरएस के पक्ष में थे और मुझे लगता है कि इस प्रणाली को सिर्फ इसलिए नहीं रखा गया क्योंकि भारत डीआरएस नहीं चाहता था. कई बार फैसले आपके पक्ष में होते हैं लेकिन कई बार आपके खिलाफ भी. लेकिन अगर सब कुछ सही होना चाहिए तो तकनीक का इस्तेमाल करें."
संगकारा मानते हैं कि इस तकनीक को अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए. "आईसीसी को ये तकनीक अनिवार्य कर देनी चाहिए. क्योंकि अगर कोई इसे इस्तेमाल कर रहा है और कोई नहीं, तो मुझे नहीं लगता कि ये सही है. अगर ये जरूरी है तो हर टीम को इस तकनीक का इस्तेमाल करना ही चाहिए."
मैन ऑफ द मैच रहे थिसारा परेरा जिन्होंने 28 रन देकर पांच विकेट झटके, वे अपने प्रदर्शन से खुश है. उन्होंने कहा कि फाइनल मैच बिलकुल अलग होगा. "मैं किसी भी देश में खेल सकता हूं. मुझे भारत के खिलाफ खेलने का मौका दिया गया. मेरा प्रदर्शन भारत के खिलाफ अच्छा रहा और मुझे उम्मीद है कि आगे भी ये अच्छा रहेगा. जीत अच्छी शुरुआत है लेकिन अगला गेम नया होगा. अभी छह दिन हैं तो जो भी हारा है वह इससे उबर भी सकता है."
परेरा का कहना था, "भारत के खिलाफ मेरी सबसे अच्छी जीत शुरुआती दिनों में शारजाह में थी. मुझे लगता है कि हमने 299 बनाए थे और भारत 54 पर ऑल आउट हो गया था."
परेरा को पूरा विश्वास है कि 28 अगस्त को होने वाले फाइनल में इस जीत से विश्वास बढ़ेगा. "हमारी टीम के अच्छे खिलाड़ी रिटायर हुए. मुझे लगता है कि ये हमारे विश्वास के लिए भी बहुत अच्छा है कि हम अब भी इस तरह की जीत हासिल कर सकते हैं. लेकिन अहम है कि हम लगातार मैच जीतें."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एस गौड़