रोजाना 7 हजार बच्चे मृत पैदा होते हैं
१४ अप्रैल २०११मृत बच्चों का पैदा होना या प्रसव के दौरान बच्चे की मृत्यु हो जाने के अधिकतर मामले 10 देशों से आते हैं. इस तरह की कुल मौतों में से 18 लाख बच्चे, यानी 66 फीसदी से भी ज्यादा जन्म के दौरान या पहले ही मर जाते हैं. इन 10 देशों में भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, चीन, बांग्लादेश, कांगो, इथियोपिया, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान और तंजानिया शामिल हैं.
विस्तृत शोध
विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोधकर्ताओं ने लानसेट पत्रिका में इस विषय पर कई लेख लिखे हैं. 18 देशों के 50 संगठनों ने पहली बार दुनिया भर में “स्टिलबर्थ” यानी मृत बच्चों के पैदा होने पर पहली विस्तृत रिपोर्ट पेश की है. सेव द चिल्ड्रन के डॉ. जॉय लॉन कहते हैं, "मृत बच्चों का पैदा होना दुनिया की सबसे बड़ी अदृश्य समस्या है. हर साल 26 लाख 50 हजार मृत बच्चे पैदा होते हैं जो एड्स और मलेरिया से होने वाली कुल मौतों से भी ज्यादा है. लेकिन इसका कोई उल्लेख दुनिया के स्वास्थ्य, डाटा या नीति में नहीं होता."
शोध में पता चला है कि 2009 में 98 प्रतिशत मृत बच्चे निचले और मध्य आय वर्ग के परिवार में पैदा हुए थे. इनमें दो तिहाई स्टिलबर्थ के मामले गांवों के थे जहां दाइयां और डॉक्टर इतने कुशल नहीं होते.
बड़ा अंतर
रिपोर्ट विकसित और विकासशील देशों के आंकड़ों में बहुत बड़ा अंतर दिखाती है. इसके मुताबिक फिनलैंड और सिंगापुर में एक हजार बच्चों की पैदाइश पर स्टिलबर्थ की दर सिर्फ दो फीसदी है. पाकिस्तान में 47 और नाइजीरिया में 42 फीसदी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक स्टिलबर्थ गर्भधारण के 28 सप्ताह बाद या आखिरी तीन महीनों में बच्चा खोने को कहा जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण प्रसव के दौरान जटिलता पैदा होना है जिसमें सिफलिस, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, जन्मजात कमियां वजह बनती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टर कहते हैं कि आधे से ज्यादा मृत बच्चे प्रसव में गड़बड़ी के कारण होते हैं. उनका सीधा संबंध इससे है कि इस दौरान महिलाओं का कितने अच्छे से इलाज किया जाता है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि अमीर या विकासशील देश इस मुश्किल से पूरी तरह दूर हैं. वहां मोटापा, धूम्रपान और ज्यादा उम्र में मां बनना प्रसव के दौरान बच्चे के मरने के कारण हैं. अमेरिका में अफ्रीकी अमेरिकी महिलाओं में स्टिलबर्थ की समस्या व्हाइट अमेरिकी महिलाओं से दो तीन गुना ज्यादा है.
खामोश दर्द
कई परिवारों को मृत बच्चों के पैदा होने का दर्द सालता रहता है. 135 देशों में सर्वे के मुताबिक मृत पैदा हुए बच्चों को बिना किसी अंतिम संस्कार के दफना दिया जाता है. माता पिता को एक बार हाथ में भी नहीं दिया जाता. कई देशों में महिलाओं को सामाजिक परेशानियां झेलना पड़ती हैं. और तो और इससे कई तरह के अंधविश्वास भी जुड़े हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में परिवार और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के महानिदेशक डॉक्टर फ्लाविया बुस्ट्रेओ कहते हैं, "मृत बच्चों की पैदाइश का अक्सर कोई रिकॉर्ड नहीं होता. इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या भी नहीं माना जाता. लेकिन बच्चे का मृत पैदा होना किसी भी महिला और परिवार के लिए बहुत बड़ा दुख है. हमें इसे समझना चाहिए और इसे रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः वी कुमार