रोमनी को ओबामा की नसीहत
१९ सितम्बर २०१२खुफिया वीडियो के सामने आने से उलझन में पड़े रोमनी अभी कदम संभालने की कोशिश में हैं. इसी बीच ओबामा ने सीबीएस चैनल के टॉक शो में मेजबान डेविड लेटरमैन से कहा, "राष्ट्रपति के रूप में मैंने एक बात यह भी सीखी है कि आप पूरे देश के प्रतिनिधि हैं. अगर आप राष्ट्रपति बनना चाहते हैं तो आपको सबके लिए काम करना होगा."
मिट रोमनी लीक हुए वीडियो में ओबामा के वोटरों को सरकार पर बोझ बताते दिखे हैं जो अपनी जिम्मेदारी भी संभाल नहीं सकते. ओबामा ने कहा, "जब मैं 2008 में जीता तब 47 फीसदी अमेरिकी लोगों ने जॉन मैकेन को वोट दिया. उन लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया और चुनाव की रात मैंने कहा कि भले ही आप लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया लेकिन मैं आपकी आवाज सुनता हूं और अब मैं इतनी मेहनत से काम करूंगा कि आपका राष्ट्रपति बन सकूं."
सोमवार रात लीक हुए वीडियो में रोमनी दान देने वालों से यह कहते दिख रहे हैं कि 47 फीसदी अमेरिकी वोटर ओबामा के साथ हैं क्योंकि वो लोग सरकार पर अपने इलाज, भोजन और घर के लिए निर्भर हैं और खुद को "पीड़ित" दिखाते हैं. रोमनी ने कहा, "ये वो लोग हैं जो टैक्स नहीं देते इसलिए कम टैक्स देने की हमारी बात उन्हें नहीं जोड़ पाती." वीडियो में रोमनी ने कहा है, "मेरा काम उनकी चिंता करना नहीं है. मैं उन्हें कभी नहीं मना सकूंगा. उन्हें अपनी निजी जिम्मेदारी लेनी होगी और अपने जीवन का ख्याल रखना होगा." खुफिया तरीके से रिकॉर्ड रोमनी का यह वीडियो मदर जोन्स पत्रिका ने जारी किया है.
इन बयानों ने इस धारणा को मजबूत किया है कि अरबपति रोमनी को इस दशक की सबसे भयानक मंदी से बाहर निकलने की धीमी गति लोगों को किस परेशानी में डाल रही है. छह नवंबर के चुनाव में अब 50 दिन से भी कम बचे हैं और इस बीच मंगलवार को रिपब्लिकन चुनावी अभियान ने कुछ राहत महसूस किया. गैलप डेली के सर्वे ने बताया कि डेमोक्रैट नेशनल कन्वेंशन के बाद ओबामा की लोकप्रियता में आई उछाल मंद पड़ी है. अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव लीप ईयर के नवंबर महीने में होता है. अमेरिकी कानून के हिसाब से यह नवंबर के पहले सोमवार के बाद पड़ने वाले मंगलवार को ही होता है.
हालांकि मंगलवार को ही एबीसी और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने संयुक्त रूप से एक सर्वे का नतीजा जारी किया. इसके मुताबिक ओबामा के 50 से 45 फीसदी वोटर हैं इसके साथ ही उनकी रेटिंग 50 फीसदी कर दी गई है और दोबारा चुनाव उनके लिए आसान बताया गया है. हालांकि राष्ट्रपति ने चंदा जुटाने के एक भव्य कार्यक्रम में अपने समर्थकों को यह कह कर सावधान किया कि मुकाबला बेहद सख्त है. बेयोंसे और जेजे की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में पहुंचे 100 लोगों में हर किसी ने 40000 डॉलर चंदा दिया. यहां ओबामा ने कहा, "मैं नहीं चाहता कि लोग निश्चिंत हो जाएं लेकिन साथ ही उन्हें निराश भी नहीं करना चाहता हूं."
फिलहाल अमेरिकी चुनाव अभियान में रोमनी के वीडियो पर ही चर्चा गर्म है. रोमनी ने इस वीडियो में मध्य पूर्व की रुकी हुई बातचीत पर भी खुल कर बोला है, "मैं देख रहा हूं कि फलीस्तीनी शांति देखना नहीं चाहते. राजनीतिक कारणों से वह इस्राएल को तबाह करना और मिटाने पर तुले हुए हैं, और इस तरह के मुद्दे, मैं कहूंगा कि यह तरीका नहीं है." रोमनी ने कहा है कि ऐसा रहा तो यह समस्याएं इसी तरह से उलझी रहेंगी.
इस बीच व्हाइट हाउस ने कहा है कि रोमनी के बयानों से जाहिर है कि वह नेतृत्व लायक नहीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर ने कहा कि ओबामा से पहले राष्ट्रपति रहे डेमोक्रैट बिल क्लिंटन और रिपब्लिकन जॉर्ज बुश ने मध्य पूर्व के लिए शांति की तलाश में काफी कोशिशें की. रोमनी ने वीडियो में दिए अपने बयानों के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है लेकिन इस बवाल को सरकार की कार्यकुशलता पर बहस में बदलने की कोशिश जरूर की है. रोमनी ने सॉल्ट लेक सिटी में कहा कि हम नहीं चाहते कि अमेरिका, " कभी ऐसी जगह बने जहां सब्सिडी लेना नौकरी पाने की तुलना में आसान हो."
एनआर/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)