लंदन धमाकों के पीछे पाकिस्तानी निर्देश
३ फ़रवरी २०११सात जुलाई 2005 को लंदन के मेट्रो स्टेशनों में हुए धमाकों की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर मोहम्मद सिद्दीक खान को पाकिस्तान से कई बार फोन आए. अदालती सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारी मार्क स्टुअर्ट ने कहा कि हमलावर मोहम्मद सिद्दीक खान को पाकिस्तान के शहर रावलपिंडी के टेलीफोन बूथों से फोन आए. मेट्रोपॉलिटन पुलिस अधिकारी स्टुअर्ट ने बताया कि कुछ ही मिनटों के भीतर खान को कई अलग अलग बूथों से फोन किए गए. पुलिस को आशंका है कि पाकिस्तान से फोन कर रहे शख्स ने अपनी पहचान छुपाने के लिए कई नंबरों का सहारा लिया.
अदालत ने पुलिस ने पूछा कि, ''क्या आपको उन कॉल्स का ब्यौरा मिला, क्या फोन पर बम बनाने और विस्फोट करने के बारे में बातचीत हुई.'' इसके जवाब में मार्क स्टुअर्ट ने कहा, ''हां, मुझे लगता है कि ऐसा ही हुआ.'' पुलिस के मुताबिक आरोपी खान ने कभी पाकिस्तान फोन नहीं किए. लेकिन उसने अपने चार नंबर बांटे थे. इन चार नंबरों पर फोन आते रहे, इन नंबरों को धमाके के मकसद के लिए इस्तेमाल किया गया.
जांच में यह भी पता चला है कि खान ने मई से जून 2005 के बीच अंजान लोगों से फोन पर खूब बातचीत की. धमाकों से ठीक पांच दिन पहले भी खान को रावलपिंडी से फोन आया और छह मिनट तक बात हुई. धमाके के दिन यानी सात जुलाई 2005 को भी खान को फोन किया गया. इसका जवाब नहीं दिया गया और कुछ ही देर बाद खान और उसके तीन साथियों ने लंदन के तीन मेट्रो और एक स्टेशन पर आत्मघाती हमले कर दिए. धमाकों में 52 लोग मारे गए. हमलावरों में एक 19 साल की युवती भी शामिल थी.
तफ्तीश बताती है कि धमाकों से ठीक महीने भर पहले खान और शहजाद तनवीर पाकिस्तान गए. संदेह है कि पाकिस्तान में वह अल कायदा के संपर्क में आए. खान का एक वीडियो संदेश शायद पाकिस्तान में ही फिल्माया गया. ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसी एमआई5 के मुताबिक वह खान और अन्य हमलावरों पर नजर रखे हुए थी लेकिन जानकारी को भुनाने में नाकामयाब रही.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल