लंदन में यौन हिंसा के खिलाफ 'स्लट वॉक'
१२ जून २०११ट्रैफलगर स्क्वैयर पर हुए प्रदर्शन में उन्होंने वैसा कपड़ा पहनने के अधिकार की मांग की जैसा वे चाहती हैं. अधिकांश प्रदर्शनकारियों ने रोजमर्रा के सामान्य कपड़े पहन रखे थे जबकि कुछ ने मिनी कॉस्ट्युम पहन रखा था.
स्लाट वाक की शुरुआत इस साल कनाडा के शहर टोरंटो में की गई है. इसकी शुरुआत एक पुलिस अधिकारी की उस टिप्पणी के बाद हुई जिसमें उसने विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण में महिलाओं को सलाह दी थी कि वे यौन हिंसा से बचने के लिए बदचलनों जैसे कपड़े न पहनें.
टोरंटो में हुए पहले प्रदर्शन के बाद विश्व के दूसरे शहरों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. प्रदर्शनकारी इस रवैये का विरोध कर रहे हैं जिसमें यौन हिंसा का शिकार होने वाली महिलाओं को पोशाक पहनने के अपने तरीके के कारण हमले के लिए समान रूप से जिम्मेदार बताया जाता है. लंदन के प्रदर्शन में पुरुषों ने भी भाग लिया. कुछ ने पट्टियां उठा रखी थीं जिसपर लिखा था, "ये कपड़ा है हामी नहीं." प्रदर्शनकारियों के दूसरे नारे थे - "बलात्कार के खिलाफ महिलाएं" और "ना का मतलब ना है."
नई दिल्ली में भी यौन हिंसा और दुर्व्यवहार के खिलाफ ऐसी रैली की तैयारी चल रही है. भारत की राजधानी में हर 18 घंटे में एक महिला बलात्कार का शिकार होती है और हर 14 वें घंटे किसी महिला के साथ यौन दुर्व्यवहार की घटना घटती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़