लपटों से जूझता पाकिस्तान
१८ जनवरी २०१३प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी का इस्लामाबाद में शव मिला. नेशनल एकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के अधिकारी कामरान फैसल का शव सरकारी हॉस्टल से मिला. एनएबी के प्रवक्ता के मुताबिक, "वह अपने कमरे में मृत मिले. आशंका है कि उन्होंने आत्महत्या की. पुलिस ने शव ले लिया है, पोस्टमार्टम कराया जा रहा है."
मंगलवार को ही पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पावर रेंटल केस में प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ समेत 16 लोगों की गिरफ्तारी का आदेश दिया. हालांकि कोर्ट के आदेश के बावजूद पीएम को गिरफ्तार नहीं किया गया. राजा अशरफ पर ऊर्जा एवं जल मंत्री रहते हुए निजी बिजली कंपनियों से 22 अरब रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है.
प्रधानमंत्री के मामले की जांच एनएबी के अधिकारी कामरान ही कर रहे थे. कामरान की मौत के बाद एनएबी के प्रवक्ता ने कहा, "वह प्रधानमंत्री के केस में जांच अधिकारी और केस अफसर थे. ज्यादा सूचना मिलने पर हम आपको जानकारी देंगे."
कामरान की मौत की वजह के बारे में इस्लामाबाद पुलिस के प्रमुख बनी अमीन कहते हैं, "हम कई मसलों को ध्यान में रखते हुए जांच कर रहे हैं, विसरा जांच के बाद ही हम किसी ठोस नतीजे तक पहुंच पाएंगे."
तालिबान बनाम एमएक्यूएम
शुक्रवार को पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी में भी हाल बुरे ही रहे. गुरुवार को मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता मंजर अहमद की उनके तीन अंगरक्षकों समेत हत्या कर दी गई. हत्या की खबर फैलते ही गुरुवार रात से शहर में हिंसा होने लगी. रात भर में ही पांच लोग मारे गए और करीब 30 घायल हो गए. शुक्रवार सुबह से ही कराची पूरी तरह बंद हो गया. तालिबान ने हत्या की जिम्मेदारी ली है. सिंध प्रांत की राजधानी कराची एमक्यूएम का गढ़ है. पाकिस्तानी तालिबान ने एमक्यूएम पर और हमले करने की चेतावनी भी दी है. समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए तहरीक ए तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने कहा, "एमक्यूएम को यह पहला तोहफा है. हमें पूरा भरोसा है कि कराची के लोग जल्द ही एमक्यूएम के चंगुल से आजाद हो जाएंगे. एमक्यूएम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और हम उसके खिलाफ ऐसे हमले बढ़ाएंगे."
कराची के लिए 2012 बीते एक दशक का सबसे खूनी साल साबित हुआ. जातीय और राजनीतिक संघर्ष में करीब 2,000 लोगों की जान गई. गुरुवार के हत्याकांड के बाद अब फिर शहर में हिंसा का लंबा दौर चलने की आशंका जताई जा रही है. कराची में अगस्त 2010 में भी एमएक्यूएम के नेता राजा हैदर की हत्या हुई थी. हैदर की हत्या के बाद शहर में कई दिनों तक हिंसा हुई, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए.
1.8 करोड़ आबादी वाले कराची में पाकिस्तान के हर कोने से आए लोग रहते हैं. शहर में बड़ी संख्या में पाक-अफगान सीमा से आए पठान और बलोच भी रहते हैं. इसके अलावा ब्रिटिश इंडिया से विभाजन के वक्त भारत से पाकिस्तान गए लोग भी बड़ी संख्या में कराची में रहते हैं. भारत से गए लोगों को पाकिस्तान में मुहाजिर कहा जाता है. मुहाजिर एमक्यूएम का वोट बैंक हैं. एमक्यूएम और पठानों के बीच अकसर खूनी संघर्ष होता है. एमक्यूएम का आरोप है कि पठान कराची में तालिबान को पनाह भी दे रहे हैं और उसके लिए चंदा भी जमा कर रहे हैं.
अशांति के बीच जुमे का दिन पाकिस्तान सरकार के लिए हल्की राहत लेकर आया. राजनीति करने कनाडा से पाकिस्तान पहुंचे मौलवी ताहिरुल कादरी और सरकार के बीच समझौता हो गया है. कादरी चार दिन से इस्लामाबाद में संसद के सामने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे. वह सरकार भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग कर रहे थे. गुरुवार रात सरकार ने कादरी से वादा किया कि मध्य मार्च में संसद भंग कर दी जाएगी और उनसे मशविरा लेकर अंतरिम सरकार का कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना जाएगा. पाकिस्तान में इसी साल संसदीय चुनाव होने हैं.
ओएसजे/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)