लियोन पैनेटा को हमले की आशंका, ईरान को डर नहीं
३ फ़रवरी २०१२अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने सबसे पहले यह खबर छापी कि इस्रायल के ईरान पर अगले कुछ महीनों में हमला करने की आशंका से लियोन पैनेटा चिंतित हैं. इसके बाद अमेरिकी टेलीविजन सीएनएन ने ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से इस खबर की पुष्टि की हालांकि उस अधिकारी ने अपना नाम जाहिर करने की इजाजत नहीं दी.
वाशिंगटन पोस्ट में कॉलम लिखने वाले डेविड इग्नेटियस ने लिखा है, "पैनेटा का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाना शुरू कर रक्षात्मक आवरण में घुस जाए उससे पहले इस्राएल अप्रैल, मई या जून में हमला कर देगा, इस बात के आसार काफी मजबूत है." इग्नेटियस ने यह भी लिखा है, "इस्रायलियों को डर है कि बहुत जल्द ईरान जमीन के काफी नीचे बनाए परमाणु केंद्रों में संवर्धित यूरेनियम जमा कर लेगा जिससे कि हथियार बनाया जा सके उसके बाद उसे सैन्य ताकत से रोकने की क्षमता केवल अमेरिका के पास ही रह जाएगी."
इग्नेटियस ने अपनी जानकारी के स्रोत के बारे में नहीं बतायेगा. ये कॉलम उन्होंने ब्रसेल्स से लिखा है जहां वह नाटो के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक के लिए आए हैं. रक्षा मंत्री पैनेटा और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय दोनों ने वाशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट से इनकार किया है.
ईरान ने इन तमाम खबरों के बीच एक बार फिर साफ कर दिया है कि वो अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेगा. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अल खमेनेई ने शुक्रवार को यह बात कही. राजधानी तेहरान में शुक्रवार की नमाज के बाद खमेनेई ने यूरोपीय संघ और अमेरिका के बारे में कहा, "वो कहते हैं कि धमकी और प्रतिबंध ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम से पीछे खींचने के लिए है लेकिन ईरान ऐसा नहीं करेगा." खमेनेई ने कहा कि हाल के वर्षों में प्रतिबंधों ने देश को अपनी क्षमताओं को पहचानना सिखाया है. इस वजह से देश में तकनीकी विकास औऱ परमाणु ऊर्जा के साथ ही दूसरे मामलों में भी तरक्की हुई है. नए प्रतिबंधों में कोई नई बात नहीं है.
मध्यपूर्व के देशों में इस्रायल को इकलौता परमाणु शक्ति से लैस माना जाता है. ईरान के परमाणु ताकत को वह अपने लिए खतरा मानता है और उसने इस बात से इनकार नहीं किया है कि इसे रोकने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है.
वाशिंगटन पोस्ट में छपी खबर में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और इस्रायल के बीच इसी बसंत में होने वाले संयुक्त सैनिक अभ्यास को रद्द करने का एक संकेत यह भी है कि हमला जल्द होगा. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने हाल के हफ्तों में ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं जिससे कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी दे.
इस्रायल के रक्षा अधिकारियों की गुरुवार को एक अहम बैठक भी हुई. इसमें इस्राएली सेना के खुफिया सेवा प्रमुख ने कहा कि उनका अनुमान है कि जितना संवर्धित यूरेनियम ईरान के पास है उससे वह चार परमाणु बम बना सकता है. उनके मुताबिक फैसला करने के एक साल के भीतर ईरान पहला परमाणु बम बना लेगा.
इस्रायल के रक्षा मंत्री एहुद बराक ने अलग से कहा है, "अगर प्रतिबंध लगा कर ईरान के सैनिक परमाणु कार्यक्रम को रोकने का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ तो फिर कार्रवाई करने के बारे सोचने की जरूरत होगी."
रिपोर्टः एपी, रॉयटर्स, डीपीए/एन रंजन
संपादनः महेश झा