वर्ल्ड कप के बड़े उलटफेर
३ मार्च २०११डालते हैं नजर वर्ल्ड कप के बड़े चौंकाने वाले नतीजों पर
भारत बनाम वेस्ट इंडीज, 1983: उस वक्त की बेहद कमजोर भारतीय टीम किसी तरह वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंच गई और कुछ ने इसे तुक्का तो कुछ ने तकदीर का खेल बताया. फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम 183 पर आउट हो गई, तो पक्का हो गया कि यहां से भारत सिर्फ उपविजेता ही बन सकता है. लेकिन बाद में मोहिंदर अमरनाथ की जादुई गेंदबाजी और कपिलदेव के करिश्माई कैच ने भारत को विश्व चैंपियन बना दिया. निश्चित तौर पर यह वर्ल्ड कप का अब तक सबसे बड़ा उलटफेर है.
आयरलैंड बनाम पाकिस्तान, 2007: भला उस मैच को कोई कैसे भूल सकता है. पिछले वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की टीम आयरलैंड की कमजोर टीम के सामने 132 पर ऑल आउट हो गई. इसके बाद खुद आयरलैंड के सात विकेट भी 113 पर गिर गए पर ट्रेंट जॉनटन ने छक्का मार कर अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी. उस रात पाकिस्तान के कोच बॉब वूल्मर को दिल का ऐसा दौरा पड़ा कि वह कभी उठ नहीं पाए. पाकिस्तान वर्ल्ड कप से बाहर हो गया.
बांग्लादेश बनाम भारत, 2007: पिछले वर्ल्ड कप में अगर आयरलैंड ने पाकिस्तान को बाहर किया, तो पिद्दी समझी जाने वाली बांग्लादेश ने भारत को. टीम इंडिया ने 191 का कमजोर स्कोर बनाया, जिसे बांग्लादेश की टीम ने आसानी से पार कर लिया. इसी हार के बाद भारत को बाहर जाना पड़ा.
जिम्बाब्वे बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1983: एक तरफ बॉर्डर, मार्श लिली और थॉमसन जैसे क्रिकेटरों से सजी ऑस्ट्रेलिया की टीम थी, तो दूसरी तरफ क्रिकेट की दुनिया में पहला कदम रख रही जिम्बाब्वे. पर डंकन फ्लेचर की जादुई पारी के साथ जिम्बाब्वे ने 239 रन बना डाले, जहां तक ऑस्ट्रेलिया नहीं पहुंच पाया.
केन्या बनाम श्रीलंका, 2003: केन्या क्रिकेट के लिए तो नहीं जाना जाता था. 2003 तक. भारतीय क्रिकेटर संदीप पाटिल की कोचिंग में टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और विश्व विजेता रह चुकी श्रीलंका की टीम को परास्त करते हुए सेमीफाइनल तक में जगह बना ली. केन्या बस उसी एक बार आखिरी चार तक पहुंचा है.
बांग्लादेश बनाम पाकिस्तान, 1999: लीग मुकाबलों में पाकिस्तान की टीम बांग्लादेश के सामने चित्त हो गई. हालांकि पाकिस्तान बाद में फाइनल तक पहुंच गई लेकिन लीग मैच में उसकी हार से क्रिकेट जगत सन्न रह गया. हालांकि उस वक्त वसीम अकरम को इस पर ज्यादा ताज्जुब नहीं हुआ और उन्होंने कहा कि वह तो अपने भाइयों से ही हारे हैं.
जिम्बाब्वे बनाम इंग्लैंड, 1992: वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में सबसे ज्यादा बार जगह बना चुकी इंग्लैंड की टीम के साथ पहले भी ऐसा हो चुका है. ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 1992 वर्ल्ड कप में उन्होंने जिम्बाब्वे की कमजोर टीम को 134 पर आउट कर दिया लेकिन इतने रन भी उनसे न बन सके. ग्राहम गूच पहली गेंद पर लुढ़क गए और बाकी बल्लेबाज भी धीरे धीरे पैवेलियन लौटने लगे. पूरी टीम महज 125 रन ही बना पाई.
संकलनः अनवर जे अशरफ
संपादनः ओंकार सिंह जनौटी