विवादों के हल ढूंढने को तैयार भारत पाक
८ अप्रैल २०१२इस धार्मिक यात्रा का लाभ उठाकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें लंच के लिए नई दिल्ली आने का न्योता दिया. इस मौके पर हुई बातचीत के बाद मनमोहन सिंह ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच सबंध सामान्य होने चाहिए, यह हमारी साझा इच्छा है." राष्ट्रपति जरदारी के साथ खड़े भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे बीच कई विवाद हैं, हम इन विवादों का व्यावहारिक हल ढूंढने के लिए तैयार हैं. यह संदेश है जो मैं और राष्ट्रपति जरदारी देना चाहते हैं."
जरदारी ने कहा कि बातचीत फलदायी रही और पाकिस्तान भारत के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है. पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, "हमने उन सभी मुद्दों पर बात की है, जिन पर बात कर सकते थे." मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति जरदारी ने उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता दिया है जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. तारीखें बाद में तय की जाएंगी. सिंह ने कहा, "मैं यात्रा के नतीजे से खुश हूं."
भारत के लिए इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई है. पाकिस्तान स्थित गुट भारत में आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराये जाते रहे हैं. भारत लश्कर ए तैयबा के संस्थापक हाफिज सैयद को मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड बताता है जिसमें 166 लोग मारे गए थे. सईद पाकिस्तान में खुला घूम रहा है जबकि सरकार का कहना है कि उस पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. अमेरिका ने उस 50 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की है.
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का दौरा सात साल बाद किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति का भारत दौरा है. उनके साथ उनके बेटे और पीपल्स पार्टी के सह प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी तथा गृह मंत्री रहमान मलिक भी आए हैं. पाकिस्तान एयरफोर्स के विशेष विमान से नई दिल्ली पहुंचने के बाद जरदारी और उनका प्रतिनिधिमंडल सीधे प्रधानमंत्री सिंह के रेसकोर्स रोड पर स्थित निवास चला गया. हवाई अड्डे पर मिनिस्टर इन वेटिंग पवन बंसल और विदेश सचिव रंजन मथाई ने जरदारी का स्वागत किया.
जरदारी प्रधानमंत्री सिंह के साथ लंच करने के बाद सीधे जयपुर के लिए रवाना हो गए. अजमेर में उन्होंने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिस्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई. दरगाह समिति और खादिमों की समिति के सदस्य मेहमानों का स्वागत किया. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जरदारी ने दरगाह को 10 लाख डॉलर दान में दिया. राष्ट्रपति का प्रतिनिधिमंडल 35 मिनट तक वहां रहा. जरदारी इससे पहले 2005 में अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो के साथ जियारत कर चुके हैं. उनके कैद के दौरान बेनजीर कई बार दरगाह पर उनकी रिहाई की दुआ मांगने गई थीं. जियारत के बाद राष्ट्रपति का प्रतिनिधिमंडल सीधे पाकिस्तान वापस चला जाएगा.
रिपोर्ट: महेश झा (डीपीए, पीटीआई)
संपादन: ओ सिंह