विवाद और बेईमानी के बाद फ्रांस का सपना
६ जून २०१०कप्तान थिएरी ऑनरी खुद सफल खिलाड़ी हैं लेकिन खेल तो पूरी टीम को खेलना है. यही वजह है कि वर्ल्ड कप क्वालिफाइंग मुकाबलों में भी फ्रांस की हालत खस्ता हो गई थी. आखिरी मैच में बड़ी मुश्किल से बेईमानी का सहारा लेते हुए टीम वर्ल्ड कप का टिकट बुक कर पाई. आयरलैंड जैसी टीम को हराने के लिए कप्तान थिएरी ऑनरी ने खुद हाथ की मदद ली और गोल हुआ. हालांकि बाद में ऑनरी ने सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी, लेकिन उनकी माफी ने बता दिया कि फ्रांस की टीम किस दबाव और मुश्किल से गुजर रही है.
इतिहास देखें तो लगता है फ्रेंच टीम कुछ भी कर सकती है. इस तर्क के पीछे वजह है उसका रिकॉर्ड. 1998 में फ्रांस फीफा की रैंकिंग में अपने सबसे निचले स्तर पर था, 25वें पायदान पर. लेकिन टीम देखते ही देखते वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंच गई. हर ओर ब्राजील के रोनाल्डो, रिवाल्डो और रॉबर्टो कॉर्लोस की तिकड़ी छाई थी. माहौल और हवा ब्राजील की तरफदारी कर रहे थे. लेकिन तभी फ्रांसीसी टीम के कप्तान जिनेदिन जिदान ने ब्राजील को सन्न कर दिया. तिकड़ी नाकाम हो गई. तीन गोल फ्रांस ने कर दिए. सफेद जर्सी पहनकर अद्भुत खेल दिखाने वाले जिदान महान खिलाड़ियों में शुमार हो गए. टीम की जरूरत के मुताबिक जिदान हर पोजिशन पर खेले और वर्ल्ड कप ट्रॉफी पैरिस में ही रही. तीन साल बाद प्रतिष्ठित कंफडेरेशन कप भी फ्रांस की झोली में आया.
लेकिन अगले ही बार 2002 के वर्ल्ड कप में फ्रांस ने फिर खेल प्रेमियों के हैरान कर दिया. खिताब बचाने उतरी टीम वर्ल्ड कप के पहले ही दौर से बाहर हो गई. कड़ी आलोचनाओं के बीच कोच और मैनेजर की छुट्टी हो गई. संकट के उस दौर में भी टीम के कप्तान जिदान सुपरस्टार रहे. मीडिया और महंगी पार्टियों से दूरी बनाकर रखने वाले जिदान क्लबों से लेकर अन्य मुकाबलों से छाए रहे. इसी दौरान थिएरी ऑनरी भी बड़े खिलाड़ी बन गए. गोलपोस्ट के पास अचानक करंट की तेजी से खनकने वाले ऑनरी की मदद से टीम के कंधे मजबूत और आंखें लक्ष्य पर गड़ गई.
2006 के वर्ल्ड कप में टीम फिर फाइनल में पहुंची. सामने इटली था. फाइनल में काफी देर तक मुकाबला 1-1 की बराबरी पर था. लेकिन इसी दौरान फुटबॉल के इतिहास का एक बड़ा विवाद हो गया. गेंद छीनने की कोशिश में इटली के मैतराजी ने जिदान को बेहद खराब अपशब्द कह दिए. मैदान से आम तौर पर ठंडे रहने वाले जिदान परिवार पर की गई टिप्पणी से तिलमिला गए और उन्होंने गेंद की जगह अपने सिर से मैतराजी को ही भारी भरकम हेडर मार दिया. फुटबॉल के कई जानकार इसे काला दिन मानते हैं.
आखिरी पलों में हुए इस वाकये के बाद जिदान को लाल कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया गया. कप्तान और मैच की जान रहने वाले जिदान के बिना फ्रांस के 10 खिलाड़ी इटली के आगे हौसला खो बैठे. पेनल्टी शूटआउट में जीत मैतराजी की टीम को मिली.
लेकिन इतिहास से दूर अब वर्तमान फ्रांस को चुनौती दे रहा है. शुरुआती चरण में ही टीम का मुकाबला उरुग्वे, मेक्सिको और मेजबान दक्षिण अफ्रीका से है. इन मैचों में ऑनरी अपनी बेईमानी से पीछा छुड़ाने और जीतने की कोशिश करते नज़र आएंगे. वहीं, कम उम्र की लड़कियों से साथ सेक्स स्कैंडल में फंस चुके होनहार खिलाड़ी रिबेरी अपने प्रदर्शन से आलोचनाओं को ढकने की कोशिश कर रहे होंगे. और फ्रेंच टीम यूरोपीय महाद्वीप से बाहर अपना पहला वर्ल्ड कप जीतने का ख्वाब सजा रही होगी.