विवाद सुलझाने के लिए रूस और जॉर्जिया में बैठक
१८ नवम्बर २००८संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की मध्यस्थता में हो रही इस बैठक की पृष्ठभूमि में दोनों पक्षों के तेवर काफ़ी तीखे दिख रहे हैं. जॉर्जिया के उप प्रधानमंत्री गिओर्गी बारामिड्ज़े ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि रूस के साथ उनके देश का एक नया सैनिक संघर्ष शुरू हो सकता है. स्पेन के नगर वालेंसिया में नाटो संसदीय सभा की 54वीं वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सजग नहीं रहा तो एक नया रूसी सैनिक हमला हो सकता है.
उन्होंने दावा किया कि जॉर्जिया रूस के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन विवाद सुलझाने के लिए यूरोप के साथ घनिष्ठ सहयोग होना ज़रूरी है. नाटो देशों के सांसदों ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा है कि जॉर्जिया के ख़िलाफ़ रूस के ज़रूरत से ज़्यादा बलप्रयोग से वे अत्यंत चिंतित हैं. उन्होंने रूस से अपील की कि वह अपनी विदेश नीति के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र व यूरोपीय परिषद के सिद्धांतों का पालन करे और दूसरे देशों की सार्वभौमता का आदर करे.
इस बीच मानव अधिकार संस्था ऐम्नेस्टी इंटरनेशनल ने एक वक्तव्य में कहा है कि अगस्त में हुए युद्ध के दौरान जॉर्जिया व रूस दोनों ने अंतरराष्ट्रीय क़ानून का गंभीर रूप से उल्लंघन किया है. वक्तव्य में कहा गया है कि ऐम्नेस्टी के पास ऐसे सबूत हैं, जिनसे पता चलता है कि जॉर्जिया की सेना ने विवादित इलाक़े दक्षिण ओसेटिया की राजधानी में नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई जिससे अनेक लोगों की मौत हो गई. दूसरी ओर, इस प्रांत की जॉर्जियाई आबादी पर दक्षिण ओसेटिया की मिलिशिया की ओर से अत्याचार किए गए जिसे रूसी सेना ने नहीं रोका.