विश्व आर्थिक व्यवस्था में भारत की बड़ी भूमिकाः ब्राउन
२१ नवम्बर २०१०दिल्ली में हो रहे हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में ब्राउन ने कहा, "आप (भारत) समाधान का हिस्सा हो, न सिर्फ आपकी अपनी गरीबी जैसी समस्या के लिए बल्कि आप उस समाधान का भी हिस्सा हो जो विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बनाए रखने के लिए जरूरी है." उन्होंने कहा कि भारत अगले बीस साल में दुनिया की सबसे तेजी से प्रगति करने वाली अर्थव्यवस्था बन सकता है और उसे नई विश्व आर्थिक व्यवस्था में नई जिम्मेदारियां उठानी होंगी.
पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्रांति के लगभग 200 साल बाद तक यूरोप और अमेरिका ही आर्थिक गतिविधियों, व्यापार, निवेश और उपभोग के बड़े केंद्र रहे. लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह धारणा बदली है. अब बाकी दुनिया भी आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन रही है जबकि अमेरिका और यूरोप अब भी बड़े उपभोक्ता बने हुए हैं. ब्राउन के मुताबिक, "इससे विश्व अर्थव्यवस्था में एक असंतुलन पैदा हो गया है जिसे दूर करना होगा."
10 साल तक ब्रिटेन के वित्त मंत्री रहे ब्राउन ने भारत और चीन जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करने की पैरवी की जो बदले में दुनिया भर की आर्थिक प्रगति में योगदान देंगे. उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका इस तेजी से आर्थिक वृद्धि करने की स्थिति में नहीं हैं जिससे बेरोजगारी कम रहे और समृद्धि भी बढ़ती रहे.
ब्राउन कहते हैं कि विश्व वित्तीय संकट इसलिए पैदा हुआ क्योंकि राष्ट्रीय नियामकों ने अलग अलग कंपनियों को देखा. वे कंपनियों को मिला कर बने वैश्विक आर्थिक ताने बाने पर नजर नहीं रख पाए. ब्राउन ने ऐसी विश्व निगरानी संस्था के गठन का समर्थन किया जो दूसरे देशों में भी आर्थिक गतिविधियों को भी जांचती परखती रहे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः प्रिया एसेलबोर्न