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वैज्ञानिकों का स्वर्ग है ब्राजील का जंगल

४ नवम्बर २०१२

ब्राजील का एक वर्षावन वैज्ञानिकों और रिसर्चरों के लिए स्वर्ग जैसा है. यह अमेजन के जंगलों की तरह मशहूर तो नहीं लेकिन जीव जंतुओं और पेड़ पौधे के मामले में उससे कमजोर भी नहीं. इस जंगल में भी इंसानों ने खूब अतिक्रमण किया है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ब्राजील के दक्षिण पूर्वी राज्य पराना के ग्वाराक्वेकाबा में मौजूद वर्षा वन कभी माटा अटलांटिका के नाम से मशहूर विशाल जंगल के एक कोने भर जितना बचा है. करीब 13 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला जंगल अमेजन से आकार में चौथाई भर ही था लेकिन पुर्तगाली उपनिवेशक यहां 16वीं सदी में ही आ गए थे. अब तो महज 10 फीसदी हिस्सा ही बचा है. खेती और शहर बसाने के लिए जंगलों की अंधाधुंध कटाई ने इस जंगल का बुरा हाल किया है. ब्राजील के करीब 19 करोड़ से ज्यादा आबादी का 65 फीसदी हिस्सा इसी इलाके में रहता है जहां साओ पाओलो और रियो जैसे बड़े शहर हैं. जो कुछ बचा है वह भी ब्राजील के तटों पर कई टुकड़ों में बंटा है. पूरे जंगल का केवल 2 फीसदी हिस्सा ही संरक्षित इलाके के रूप में है.

Brasilien Atlantischer Regenwald Mata Atlantica
तस्वीर: picture-alliance/dpa

1994 में ब्राजील की कॉस्मेटिक्स बनाने वाली एक बड़ी कंपनी बोटिकारियो के बनाए एक फाउंडेशन ने साल्टो मोरातो संरक्षित क्षेत्र की स्थापना की. यह इलाका 2200 से ज्यादा पक्षियों, सरीसृपों और स्तनधारियों और उभयचरों का घर है. ब्राजील में लुप्त होने का खतरा झेल रहे 60 फीसदी जंतु भी इसी जंगल के निवासी हैं. 1996 में यह संरक्षित जंगल आम लोगों के लिए खोल दिया गया. यह सरकार और निजी साझेदारी से जंगल में जो कुछ बच गया था उसे बचाए रखने की कोशिश थी.

बोटिकारियो के लिए रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक करीब 2253 हेक्टेयर में फैले जंगल की पग पग भूमि छान कर तथ्य और जानकारियां जुटाते हैं. हर तरफ फैली यहां की हरियाली में नमी है और ताड़ और कई किस्म के केले, अदरक और उससे मिलते जुलते कई पौधों से सजे जंगल में चिड़ियों की चहक एक अलग तरह का माहौल बनाती है. गाने वाले चिड़ियों की भी यहां भरमार है.

Brasilien Umweltzerstörung Mata Atlantica Flash-Galerie
तस्वीर: J. C. Torrico

बोटिकारियों फाउंडेशन के खर्चे से पाम्प्लोना कैम्पोस करीब दो साल से पौधों और फल खाने वाले पक्षियों के बीच संबंधों की पड़ताल कर रहे हैं. साथ ही पक्षियों की स्थानीय प्रजातियों में जंगलों की कटाई के असर पर भी उनकी नजर है. पक्षीविज्ञानी कैम्पोस को गाने वाली पक्षियों के बारे में गहरी जानकारी है. अब वो चाहे मोटमोट हो या ब्राजील का राष्ट्रीय पक्षी साबिया या फिर टानागेर. इस सुरक्षित जंगल में चिड़ियों की 324 प्रजातियां हैं. इनमें 200 तो ऐसे हैं जो केवल ब्राजील में ही मिलते हैं. इनके अलावा मेंढकों की 43, मछलियों की 55, सरीसृपों की 36 और स्तनधारियों की 58 प्रजातियों का यहां बसेरा है. साल्टो मोराटो के रिसर्चरों ने हाल ही में मछलियों की दो नई प्रजातियों का पता लगाया है, इससे पहले वह तीन उंगलियों वाली एक मेंढक को भी ढूंढ चुके हैं जो पहले अज्ञात था.

जंगल में कम से कम तीन तेंदुए भी हैं और इनके लिए कैमरे भी लगाए गए हैं. जंगल की देखरेख करने वालों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द जंगली पालमिटो की अवैध और बड़े पैमाने पर होने वाली खेती है जो ताड़ के पेड़ों के लिए नुकसानदेह है. इसके इलावा यहां अवैध शिकार का भी बोलबाला है. यहां के कई जीवों को शिकार के साथ ही आवास के खत्म होने के खतरे से भी जूझना पड़ रहा है. जंगल की देख रेख करने वाले अमाराल फेरेरा बताते हैं कि 10 लोगों की टीम जंगल पर नजर रखने के लिए बहुत छोटी है. उन्हें निगरानी करने के साथ ही यहां आने वाले 5000 सैलानियों से भी निबटना होता है. इनमें बहुत सारे लोग कैंप लगाकर रहते भी हैं. अमाराल कहते हैं, "मुझे कम से कम चार और लोग चाहिए." इकोटूरिज्म के लिए यह जंगल बेहद शानदार हो सकता है लेकिन इसके लिए सड़कों को बेहतर बनाने और निगरानी का बेहतर इंतजाम करना होगा. यूनेस्को ने साल्तो मोरातो को 1999 में विश्व धरोहरों में शामिल किया.

एनआर/एमजे (एएफपी)

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