वॉलमार्ट के खिलाफ महिलाओं का सामूहिक मुकदमा खारिज
२१ जून २०११अमेरिका में इस मुकदमे को बेहद अहम माना जा रहा था क्योंकि अगर अदालत अपना फैसला महिला कर्मचारियों के पक्ष में देती तो दुनिया में यह पहला सामूहिक मुकदमा होता जो याचिकाकर्ताओं के पक्ष में जाता. 15 लाख महिलाओं ने आरोप लगाया कि वॉलमार्ट कंपनी में बेहद व्यवस्थित ढंग से उनके खिलाफ भेदभाव बरता गया. लेकिन अमेरिकी अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सामूहिक मुकदमे में शामिल हर महिला दूसरी महिला की तरह एक जैसा भेदभाव का आरोप नहीं लगा सकती.
सामूहिक मुकदमा दायर करने वाली महिला कर्मचारियों ने दुनिया की सबसे बड़ी फुटकर कंपनी वॉलमार्ट से अरबों डॉलर के हर्जाने की मांग की. मुकदमा दायर करने वाली कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें कम पैसा दिया गया और पुरुषों की तुलना में पदोन्नति के अवसर उनके लिए कम थे.
वॉशिंगटन में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा भेदभाव का आरोप लगाने वाली महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से मुकदमा दायर करना चाहिए. कोर्ट ने वॉलमार्ट के इस तर्क को मान लिया कि अमेरिका में कई वॉलमार्ट स्टोर में महिलाएं अलग अलग जिम्मेदारियां संभालती हैं और इसलिए सामूहिक मुकदमे का आधार नहीं बनता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने निचली अदालत के फैसले को उलट दिया है जिसमें कहा गया था कि महिलाएं सामूहिक मुकदमा दायर कर सकती हैं.
कोर्ट के मुताबिक महिलाएं ऐसा कोई साझा आधार साबित नहीं कर सकीं जिससे लाखों महिलाओं के आरोपों का फैसला एक साथ तय किया जा सके. कोर्ट का कहना है कि 15 लाख महिलाओं के लिए एकदम नहीं बताया जा सकता कि उनके साथ क्यों भेदभाव हुआ. वॉलमार्ट ने अपने बचाव में कहा कि वह महिला और पुरुष कर्मचारियों में भेदभाव नहीं करता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा