वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करने वापस आए
१६ नवम्बर २०११ऑक्यूपाई वॉल स्ट्रीट यानी वॉल स्ट्रीट पर कब्जा नाम की यह मुहिम पिछले 24 घंटों के दौरान कई मुश्किलों से गुजरी है. सबसे पहले तो मंगलवार सुबह तड़के मैनहट्टन के जुकोट्टी पार्क में पुलिस का छापा पड़ा और इस निजी इलाके से सारे टेंट हटा दिए गए. प्रदर्शनकारी और अधिकारियों के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. प्रदर्शनकारी वॉल स्ट्रीट के पास जमा हो गए जो उनके विरोध प्रदर्शन का सांकेतिक केंद्र बिंदु भी है. शाम को पुलिस ने उनका पार्क फिर खोल दिया और वहां कैंप लग गये. न्यूयॉर्क के जज ने इसके लिए इजाजत तो दी लेकिन साथ ही नया कैंप लगाने पर पाबंदी भी लगा दी है.
गेट पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने कहा, "किसी को भी प्रवेश से रोका नहीं जाएगा." आयोजकों के मुताबिक यहां 1200 लोग रह रहे हैं. पार्क में घुसने के बाद एक बार यह नारा पुरजोर बुलंद हुआ, "ऑल डे, ऑल वीक, ऑक्यूपाई वॉल स्ट्रीट." दोनों पक्ष इस मामले में अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. जज माइकल स्टॉलमैन ने फैसला सुनाया कि पार्क के मालिकों और अधिकारी प्रदर्शनकारियों के अभिव्यक्ति की आजादी के संवैधानिक अधिकार से इनकार नहीं कर रहे हैं. शहर के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने कहा, "जुक्कोट्टी पार्क उन लोगों के लिए तब तक खुला रहेगा जो इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं, जब तक कि वे पार्क के नियमों का पालन करते रहेंगे." ब्लूमबर्ग ने यह भी कहा, "जज के फैसले ने हमारी इस स्थिति को उचित ठहराया है कि संवैधानिक अधिकार का मतलब जनता को खतरे में डालना या किसी सार्वजनिक जगह पर टेंट लगाकर या दूसरे तरीके से कब्जा करना नहीं है."
उधर प्रदर्नकारी इस बात से खुश हैं कि उन्हें पार्क में लौटने की इजाजत मिल गई है. ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज के मालिकाना हक वाले इस पार्क पर सितंबर के मध्य से ही प्रदर्शनकारियों का कब्जा है. 32 साल के डलास कार्टर कहते हैं, "टेंट और स्लीपिंग बैग हासिल करने के लिए कोर्ट जाना पड़ा लेकिन फिर भी यह हमारी जीत है." 29 साल के माइक रियली कहते हैं, "यह आंदोलन किसी न किसी तरह से चलता रहेगा." खुशी से चीखती चिल्लाती भीड़ में से लोगों ने कहा कि वह आंदोलन के दो महीने पूरे होने पर गुरुवार को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सजेंच तक मार्च करेंगे.
न्यूयॉर्क पुलिस मंगलवार सुबह करीब एक बजे तेज रोशनी, हेलमेट पहने अधिकारियों और बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारियों को लेकर पार्क में घुस गई. इस दौरान 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान हिंसा भी हुई. बाद में जब कार्रवाई थमी तो चारों तरफ टेंट के ढेर, कपड़े और दूसरी चीजें फैली हुई थीं. इसके बाद पूरे पार्क की सफाई की गई. इस कब्जे को हटाने के ब्लूमबर्ग के फैसले के बाद अमेरिका के दूसरे शहरों में भी कार्रवाई हुई है. लंदन में सेंट पॉल कैथेड्रल के बाहर कब्जा जमाए बैठे प्रदर्नकारियों पर भी कानूनी कार्रवाई की गई है.
न्यू यॉर्क में कब्जे वाली जगह के आस पास के छोटे दुकानदारों ने शोर और कैंप में गंदगी की शिकायत की है. उनका आरोप है कि प्रदर्शनकारी उनके स्टोर के बाथरूम का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके ग्राहकों को दुकान से भगा दे रहे हैं. ब्लूमबर्ग पर इस बात के लिए दबाव बढ़ रहा है कि वे इस मामले को सुलझाएं. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर वाली जगह के पुनर्निर्माण का मसला पहले से ही इलाके में तनाव की वजह बना हुआ है. सोमवार को दंगा नियंत्रित करने वाली पुलिस ने ऑकलैंड और कैलिफॉर्निया में इस तरह के कैंपों पर कार्रवाई की और कम से कम 30 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. इसके अलावा पोर्टलैंड और ओरेगॉन में रविवार को करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया. डेनेवर में भी ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन को रोक दिया गया. मंगलवार को ही 300 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों व्हाइट हाउस तक मार्च किया और राष्ट्रपति बराक ओबामा को अपने आंदोलन के साथ आने का न्यौता दिया. राष्ट्रपति ओबामा तब ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो चुके थे.
रिपोर्टः एएफपी/एन रंजन
संपादनः वी कुमार